सांझा अध्यापकों ने किया हाईवे जाम, पुलिस का लाठीचार्ज | ADHYAPAK SAMACHAR

लुधियाना। सांझा अध्यापकों ने दाना मंडी के पास जालंधर बाईपास रोड पर अपना रोष प्रकट किया। इस दौरान उन्होंने नेशनल हाईवे को करीब एक घंटे तक बंद रखा। इससे जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान करीब एक घंटे तक किसी भी वाहन को वहां से गुजरने नहीं दिया गया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ हलकी धक्कामुक्की भी हुई। इस मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मौका संभालते हुए अध्यापकों को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलने का आश्वासन देते हुए धरना समाप्त किया गया। 

सांझा अध्यापक मोचा पंजाब के बुलावे पर सूबे के हजारों अध्यापकों ने परिवार समेत दाना मंडी में मोर्चे के कनवीनर और को-कनवीनर की प्रधानगी में चेतावनी रैली में नारे लगाते शामिल हुए। करीब 12 बजे सभी अध्यापक इकट्ठा हुए और मांगों संबंधी प्रशासन को चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय की मांग की। प्रशासन की ओर से कोई जवाब न आने पर हजारों अध्यापकों ने 4.10 बजे पर नेशनल हाईवे पर पूरी तरह से जाम लगा दिया।

ये हैं मांगें
सूबा कनवीनर बलकार वलटोहा, सुखविंदर सिंह चाहल, भूमिंदर वडैच, कुलवंत गिल और बाज सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार के चुनाव मनोरथ पत्र में दर्ज सूबे के लोगों को सरकारी स्कूलों के जरिये उच्च शिक्षा देने के लिए जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा के विकास और बढ़ोतरी के लिए खर्च करे, हर तरह के कच्चे अध्यापकों को पक्के करने, खाली पद भरने, स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम बनाना, डिजीटल तकनीक के जरिये शिक्षा देने के लिए बुनियादी ढांचे विकसित करने, अध्यापकों से गैर विद्यक काम लेने बंद करने, अध्यापकों की मुश्किलें हल करने के किए चुनावी वादे याद करवाने और अध्यापकों के मसले एक साल में हल न करने, पीटीआई के पद खत्म करने, 800 प्राइमरी स्कूल बंद करने, इस साल बच्चों को किताबे तथा वर्दी अब तक न देने की निंदा की। 

उन्होंने हर वर्ग के बच्चों को किताबें, कॉपियां, वर्दी सेशन के शुरू में और वजीफे समय पर देने, पढ़ो पंजाब, पढ़ाओ पंजाब प्रोजेक्ट की जगह एससीईआरटी के सिलेबस को ही तर्कसंगत बनाए जाने और शर्ते पूरी न करने वाले प्राइवेट स्कूलों को बंद करने की जोरदार मांग की। सूबा को-कनवीनर दीदार सिंह मुद्की, गुरविंदर सिंह, गुरजिंदर पाल सिंह, सुखराज सिंह ने हर तरह के कच्चे (एसएसए/रमसा, टीचिंग/नान टीचिंग), 5178, ओडीएल अध्यापक, शिक्षा प्रोवाइडर, एआईई, ईजीएस, एसटीआर, आईईवी, आईईआरटी अध्यापकों को 10300 रुपये बेसिक तनख्वाह की जगह पूरी ग्रेड व तुरंत रेगुलर करने की मांग की। 

साथ ही तीन साल से पहली बदली न करने आदि रद्द कर स्कूल, शिक्षा, विद्यार्थी और अध्यापक संशोधन करे, सामाजिक शिक्षा और हिंदी को विकल्प विषय बनाने का फैसला वापस ले, खाली भर्ती 25 प्रतिशत पोस्ट तुरंत भरने, अध्यापकों को हर महीने तनख्वाह जारी करना यकीनी बनाने, डीए की रहती किश्त तुरंत नगदी भुगतान, तनख्वाह कमीशन की रिपोर्ट जारी करने विभाग से बाहरी व्यक्ति (पूर्व फौजियों) से करवाई जाती स्कूलों की चेकिंग बंद करके समर्थ अधिकारियों की ओर से ही इंस्पेक्शन करने की मांग की। इस दौरान डीसीपी अश्वनी कपूर ने अध्यापकों को दो अप्रैल को मुख्यमंत्री से बैठक करवाने का आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाया। इस मौके पर सुरिंदर प्यारी, मनिंदर सिंह, अमनदीप शर्मा, कुलदीप सिंह, जगसीर सहोता, बिक्रम सिंह, गुरनैब सिंह, जिंदल पालट और नवचरण कौर ने भी संबोधित किया।

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