गुजरात में है तांत्रिकों का विश्वविद्यालय, परीक्षा पास करने के बाद बनते हैं तांत्रिक

नई दिल्ली। तांत्रिक तो आपने बहुत देखे होंगे, सजीव आखों से नहीं तो टीवी पर तो जरूर देखे होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक साधारण मनुष्य से तांत्रिक बनने की प्रक्रिया क्या होती है। ज्यादातर लोग कहेंगे कि यह एक गुरू शिष्य परंपरा से मिलने वाली विधा है। परंतु हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे स्थान के बारे में जिसे आप तांत्रिकों का विश्वविद्यालय कह सकते हैं। यहां आयोजित परीक्षा पास करने के बाद ही कोई प्रमाणिक तांत्रिक बन पाता है। माना जाता है कि उसके पास तांत्रिक शक्तियां हैं। 

यह गुजरात राज्य के छोटाउदेपुर जिले में में स्थित है। रंगपुर राठ नाम के इलाके में परीक्षा का आयोजन होता है। यह परीक्षा साल में केवल एक बार होली के दिन आयोजित की जाती है। इस दौरान खुद को तांत्रिक बताने वाले व्यक्ति के कमर के भाग पर लोहे का हुक फंसाया जाता है। यह इतना अधिक तकलीफदेह है कि सामान्य पुरुष इसे सहन नहीं कर सकता। दर्द के कारण उसकी मृत्यु हो सकती है। 

एक लकड़ी के मचान के ऊपर उल्टा लटकाया जाता है, फिर एक चौकी के ऊपर चढ़ाने के पहले ग्रामीणों के कमर के भाग पर लोेहे का हुक लगाया जाता है। चौकी को 5 बार उल्टा फिर 5 बार सीधा घुमाया जाता है। इस परीक्षा में जो तांत्रिक पास होता है, उसे सच्चा माना जाता है। इसे तांत्रिकों की कसौटी भी कहा जाता है। इस आयोजन को गोलिया फेर के नाम से भी जाना जाता है। यह सारी परीक्षा ग्रामीणों के सामने होती है। 
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