भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने विधवा विवाह को प्रोत्साहित करने के लिए दो लाख रुपए की राशि देने का फैसला किया है। विधवा महिला से शादी करने वाले व्यक्ति को सरकार की तरफ से यह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी लेकिन इसके साथ सरकार ने एक शर्त जोड़ दी है। शर्त के अनुसार यह प्रोत्साहन राशि केवल तभी मिलेगी जब विधिवा महिला की उम्र 45 वर्ष से कम हो। यानी यदि आप इससे अधिक उम्र की विधवा महिला को विवाह के माध्यम से संरक्षित करते हैं तो सरकारी प्रोत्साहन के लिए आप अयोग्य होंगे।
भोपाल में मंगलवार सुबह शिवराज की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. सरकार ने तय किया है कि विधवा महिला के लिए अब 'कल्याणी' शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही कैबिनेट ने विधवा विवाह को प्रोत्साहित करने के मकसद से एक नई योजना को मुहर लगाई. विधवा महिला से शादी करने वाले को सरकार दो लाख रुपए देगी. हालांकि योजना के तहत 45 साल की कम उम्र की विधवा से विवाह करने पर ही दो लाख रुपए दिए जाएंगे.
सरकार का कहना है कि विधवा महिलाओं के लिए शुरू की गई ये योजना देश में अपनी तरह की पहली योजना है. भारत में साल 1856 में विधवा महिलाओं को पहली बार पुनर्विवाह करने की कानूनी तौर पर मान्यता मिली थी.
इस योजना का दुरुपयोग रोकने के लिए कुछ प्रावधान रखे गए हैं. इसके तहत जो भी शख्स विधवा महिला से विवाह करेगा उसका यह पहला विवाह होना चाहिए. दोनों को जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस जाकर विवाह का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. साथ ही ग्राम पंचायत द्वारा दिया गया कोई एक सबूत पेश करना होगा. स्थानीय निकाय की मंजूरी स्वीकार नहीं की जाएगी. शादी करने वाला जोड़ा अगर ऐसा नहीं करेगा तो योजना के तहत दिए जाने वाले दो लाख रुपए उन्हें नहीं मिलेंगे. मध्य प्रदेश सरकार इस योजना पर हर साल 20 करोड़ रुपए खर्च करेगी.