रिसेप्शनिस्ट को ड्रिंक ऑफर किया था, 2 खिलाड़ियों का करियर चौपट | CRICKET HISTORY

होटल रिसेप्शनिस्ट को ड्रिंक ऑफर करने पर दो नामी भारतीय क्रिकेटर सस्पेंड हो गए थे। इसमें एक क्रिकेटर तो दुनिया के सबसे दिग्गज स्पिनर थे। उनका करियर तो इसके बाद खत्म ही हो गया। वो इस प्रकरण से इतने निराश हुए कि उन्होंने देश ही छोड़ दिया। ये घटना 1961-62 की है। इंग्लैंड टीम भारत आई हुई थी। दिल्ली में दूसरा टेस्ट खेला गया। इसी टेस्ट के दौरान ऐसा वाकया हो गया, जो कहने को कुछ भी नहीं था लेकिन इसने भारतीय क्रिकेट के दो अच्छे क्रिकेटरों की बलि ले ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड चाहता तो इन दोनों को हल्का दंड देकर छोड़ सकता था लेकिन उसने ऐसा रास्ता चुना, जिससे दोनों के करियर ही खत्म हो गए।

1 मैच में 9 विकेट लिए थे गुप्ते ने
ये दोनों क्रिकेटर थे सुभाष गुप्ते और कृपाल सिंह। गुप्ते उस समय केवल भारत ही नहीं दुनिया के बेहतरीन स्पिनर्स में गिने जाते थे। गैरी सोबर्स ने उन्हें बेहतरीन लेग स्पिनर कहते थे। उन्होंने 36 टेस्टों में 149 विकेट लिए थे। वह ऐसे बॉलर थे, जो एक पारी में नौ विकेट लेने का करिश्मा दिखा चुके थे। उस समय उनकी उम्र 32 साल थी। अब भी यही कहा जाता है कि वो महान स्पिनर शेन वार्न से कहीं ज्यादा बेहतरीन स्पिनर थे।

कृपाल सिंह तो खानदानी क्रिकेटर थे
वहीं कृपाल सिंह का परिवार तमिलनाडु का जाना माना क्रिकेट खिलाड़ियों का परिवार था। उनके पिता और भाई सभी क्रिकेटर थे। पिता को तो टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन भाई मिल्खा सिंह जरूर टेस्ट क्रिकेट में खेले। कृपाल आक्रामक बल्लेबाज के साथ अच्छे ऑफ स्पिनर थे। उन्होंने 14 टेस्टों में एक शतक औऱ दो अर्धशतक बनाया था। कृपाल के दोनों बेटे भी बाद में तमिलनाडु की रणजी टीम से खेले. उनका परिवार तमिलनाडु का अकेला सिख परिवार है, जो न जाने कितने दशकों से चेन्नई में रह रहा है और क्रिकेट खेलता रहा है।

कृपाल ने रिसेप्शनिस्ट से फोन पर कहा था ये
दिल्ली टेस्ट में भारतीय टीम इंपीरियल होटल में ठहरी हुई थी। मैच खत्म होने के बाद कृपाल सिंह ने अपने कमरे से फोन करके होटल रिसेप्शनिस्ट को शिफ्ट खत्म कर ड्रिंक्स पर आने का ऑफर दिया। कृपाल के साथ कमरे में सुभाष गुप्ते भी ठहरे थे। रिसेप्शनिस्ट को कृपाल का ये ऑफर अश्लील और अभद्र किस्म का लगा। उसे कृपाल सिंह पर बहुत गुस्सा आया। उसने पहले तो फोन कर उन्हें खरीखोटी सुनाई। फिर भारतीय टीम के मैनेजर से शिकायत कर दी।

गुप्ते तो बगैर गलती के फंस गए
टीम मैनेजर पॉली उमरीगर ने इस शिकायत को काफी गंभीरता से लिया। उन्होंने इसके बारे में कप्तान नरीमन कांट्रैक्टर से चर्चा की। कांट्रैक्टर ने तुरंत गुप्ते को तलब किया। उनसे पूछा कि उनके कमरे में रहते ये घटना कैसे हो गई। गुप्ते का जवाब था, वो किसी को फोन करने से कैसे रोक सकते थे लेकिन कांट्रैक्टर ने उनकी भूमिका पर नाराजगी जाहिर की।

कृपाल ने कहा कि कोई लड़की कमरे में नहीं आई
अगला टेस्ट 12 दिनों बाद था लिहाजा कृपाल तब तक एयरपोर्ट के लिए निकल चुके थे। भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने मामले की जांच के लिए एक अनुशासनात्मक कमेटी बना दी। कोलकाता के अगले टेस्ट में इस कमेटी को सुनवाई करनी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इस टेस्ट से दो दिन पहले ही कृपाल और सुभाष दोनों टीम से बाहर कर दिए गए। तीसरा टेस्ट मद्रास यानि चेन्नई में हुआ। वहीं पर अनुशासनात्मक कमेटी ने इस प्रकरण पर सुनवाई की। गुप्ते ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा-जब रूम में कोई लड़की आई ही नहीं, कोई ड्रिंक लिया ही नहीं गया तो वो क्या कर सकते थे। कृपाल सिंह ने कहा, उन्होंने कुछ किया ही नहीं। बस होटल रिसेप्शनिस्ट से ड्रिंक लाने को जरूर कहा था लेकिन इससे ज्यादा कोई बात नहीं हुई थी।

बोर्ड की एकतरफा कड़ी कार्रवाई
बोर्ड की टीम ने इस मामले की कोई जांच नहीं की थी। केवल रिसेप्शनिस्ट की शिकायत पर एकतरफा कार्रवाई कर दी। रिसेप्शनिस्ट ने कहा था कि भारतीय क्रिकेटरों का व्यवहार उसके साथ अशालीन और भद्दा था। कम से कम उसे भारतीय क्रिकेटरों से तो ये उम्मीद नहीं थी। अनुशासनात्मक कमेटी ने दोनों क्रिकेटरों को बेमियादी समय के लिए सस्पेंड कर दिया।

खत्म हो गया दोनों का करियर
इसके बाद दोनों क्रिकेटरों का करियर खत्म ही हो गया। सुभाष गुप्ते पहले से विवाहित थे। उन्होंने दो साल पहले भारतीय टीम के वेस्टइंडीज दौरे के समय त्रिनिदाद की एक लड़की से शादी रचा ली थी। इस प्रकरण के बाद वो इतने खिन्न हुए कि हमेशा के लिए त्रिनिदाद चले गए। फिर कभी भारतीय टीम से नहीं खेले लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उनके जाने से भारतीय क्रिकेट ने एक बहुत ही शानदार स्पिनर खो दिया।

कृपाल सिंह का निलंबन तीन साल बाद खत्म हुआ। उन्होंने तब तीन टेस्ट जरूर खेले लेकिन नाकाम रहे। इसके साथ ही उनके करियर का भी पटाक्षेप हो गया। एक रिसेप्शनिस्ट को फोन करना दोनों को इतना भारी पड़ा। ऐसा दंड मिला, जो वाकई उन्हें नहीं मिलना चाहिए था। कम से कम गुप्ते को केवल सजा में पीस दिया गया, क्योंकि वो कृपाल के रूम पार्टनर थे।
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