
उसके विरोध में तथा एम. पी. पीएससी सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा को निरस्त कराने एवं शासन द्वारा नियुक्त, स्ववित्तीय, सेल्फ फाईनेंस पदों पर कार्य करने वाले सभी अतिथि विद्वानों को नियमित करने की मांग को लेकर कैण्डल मार्च निकाला जिसमें शा.आर्ट एंड कामर्स कालेज सागर, शा. महाविद्यालय केसली, देवरी गढ़ाकोटा, बीना, खुरई, मालथोन, बंडा, दमोह, पथरिया आदि के अतिथि विद्वान बड़ी संख्या में पहुंचे।
सम्मलित अतिथि विद्वानों में डाॅ. शीतांषु राजौरिया, श्री रोहित सैनी, श्रीमती पुलकिता सिंह गौर, डाॅ. श्वेता ओझा, डाॅ. प्रदीप श्रीवास्तव, श्री अभिषेक समैया, डाॅ. शारदा विश्वकर्मा, डाॅ. गीता राजपूत, श्री अनिमेष जैन, श्री संजय दोहरे, डॉ शेलेन्द्र पटेल, अकुंर आनंद, डॉ सारांश राजौरिया, डॉ प्रमेश गौतम, डॉ संदीप सबलोक, डॉ उमाकांत स्वर्णकार, डॉ स्वदीप श्रीवास्तव, श्री भूपेन्द्र अहिरवार, कु. राजुल जैन, कु. सुप्रिया यादव, दीपिका तिवारी, हेमलता कोरी, दीपा चाैधरी, दीपेश जैन, डॉ मनीष जैन, रजनी कोशल, शिखा कोष्ठी, डॉ कपिल वर्मा, डॉ रामकुमार नगाईच, डॉ प्रज्ञा पाण्डे, डॉ पूनम कोहली, डॉ स्वीटी मिश्रा, डॉ निधी नगाईच, डॉ मोनिका सोनी, डॉ शुभ्रा मिश्रा, डॉ भावना पटेल, निक्की बागंर, नरगिस खान, मेघा चौबे, परमेश्वर दयाल, नंदकिशोर लोधी, शुभांजली रैकवार आदि शामिल हुये|