
इसी परीक्षा मे 83 अंक लाने वाला युवा बहार हैं और 72 अंक बाला युवा चयनित हुआ है। यह तो ठीक है एक ही दिन एक ही शिफ्ट मे रामकुमार रघुवंशी के 73 नम्बर बढ़कर 73.18 हुये जबकि उसी दिन उसी शिफ्ट मे रजित रघुवंशी के 72 अंक के 75.4 हो गये। ये कौनसी प्राणाली हे समझ नहीं आता। 75 अंक लाने के बाद मध्यप्रदेश का युवा, बेरोजगार घूम रहा है और मध्यप्रदेश सरकार उनकी जगहों पर दूसरे राज्य के युवाओं को जगह दे रही है।
और अभी कुछ दिन पहले शिवराज सिंह जी ने सहरिया युवाओं को केवल शरीरक दक्षता पर आरक्षक बना देने और 12वीं पास होने पर पटवारी बना देने की घोषणा की है। इन सब बातो से एक ही अर्थ निकलाता है यह राजनीति सवर्ण समाज के खिलाफ हो रही है। हम भाजापा कांग्रेस मे उलझे रहे और यह भाजापा कांग्रेस की सरकारे हमे सवर्ण होने का हमे सवर्ण होने का दण्ड दे रही है।