
आरबीआई के डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, 'फ्रॉड में पकड़े गए इन कर्मचारियों को दोषी पाया गया, पेनल्टी लगाई गई और सर्विस से निकाल भी दिया गया।' रिजर्व बैंक इस समय अप्रैल 2017 से लेकर अभी तक के मामलों का डेटा तैयार कर रहा है। पब्लिक सेक्टर बैंकों में सबसे ज्यादा फ्रॉड के मामलों में एसबीआई के कर्मचारी टॉप पर रहे। एसबीआई के 1,538 कर्मचारियों पर धोखाधड़ी के मामलों पर ऐक्शन हुआ। इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक और फिर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारियों ने सबसे ज्यादा फ्रॉड किया। एसबीआई में इन बैंकों की तुलना में तीन गुना अधिक कर्मचारी धोखाधड़ी में संलिप्त रहे।
आरबीआई द्वारा जारी इस डेटा में यह नहीं बताया गया है कि कर्मचारियों के इन धोखाधड़ी के मामलों से बैंकों को कितना नुकसान हुआ। आरबीआई के एक पुराने डेटा के मुताबिक, 1 अप्रैल, 2013 से 31 दिसंबर, 2016 के बीच सभी कमर्शल बैंकों (निजी बैंकों सहित) को 1704 फ्रॉड के मामलों से 66 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। फ्रॉड के कुल मामलों में बैंक कर्मचारी के मिले होने वाले मामलों की संख्या 2,084 है। यह कुल मामलों का 12 प्रतिशत है। हालांकि डेटा में यह नहीं बताया गया कि कर्मचारियों के फ्रॉड से बैंकों को कितना नुकसान हुआ।