व्यापमं घोटाला: STF जांच को अमान्य बताया, क्लर्क सस्पेंड, डायरेक्टर को नोटिस

भोपाल। चिकित्सा शिक्षा विभाग (MEDICAL EDUCATION DEPARTMENT) ने व्यापमं घोटाले को लेकर सूचना आयोग में एक चौंकाने वाला जवाब दाखिल किया है। विभाग ने कहा है कि VYAPAM SCAM पर STF की जांच को सरकार ने अमान्य (INVALID) कर दिया है। जब यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो सरकार ने जानकारी में इस तथ्य का लेख करने वाले क्लर्क को सस्पेंड कर दिया जबकि संचालक चिकित्सा शिक्षा को भी कारण बताओ पत्र जारी किया गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में विभाग के इन पत्रों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि विभाग से 2012 और 2013 की परीक्षाओं से संबंधित आपराधिक केसों में निजी मेडिकल कॉलेजों की भूमिका की जांच करने संबंधी व्यापमं के पत्र पर कार्रवाई की RTI लगाकर जानकारी मांगी थी।

जानकारी नहीं मिलने पर मामला सूचना आयोग पहुंचा था। सूचना आयोग में चिकित्सा शिक्षा संचालक उल्का श्रीवास्तव (Dr. ULKA SRIVASTAVA DIRECTOR MEDICAL EDUCATION) ने कोई भी जानकारी देने में असमर्थता जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने एसटीएफ की जांच को अमान्य कर दिया है और व्यापमं भोपाल के द्वारा आयोजित 2006 से 2013 तक पीएमटी परीक्षा की जांच अब सीबीआई द्वारा की जा रही है और सारे अभिलेख सीबीआई के भोपाल कार्यालय में जमा हैं।

सीबीआई की जांच रिपोर्ट अभी अपेक्षित है। यह जवाब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सूचना आयोग को 8 नवंबर 2017 को भेजा था। विभाग ने कहा कि अतिगोपनीय पत्र होने की वजह से इसे सीधे तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा संचालक को दिया गया था, लेकिन संचालनालय में यह पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। गौरतलब है कि व्यापमं घोटाले में एसटीएफ ने लगभग 225 एफआईआर दर्ज की थी और भारी दबाव के बाद जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। 

व्यापमं के डिस्पैच रजिस्टर को कूट रचित बताया
सूचना आयोग में व्यापमं का डिस्पैच रजिस्टर बताया गया, जिसमें यह उल्लेख है कि व्यापमं ने घोटाले में निजी महाविद्यालयों की जांच करने संबंधी पत्र एसटीएफ के तत्कालीन एडीजी सुधीर साही और चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजा था। इस पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने यह आरोप लगाया कि यह पावती कूटरचित की गई है। पावती विभाग के आवक लिपिक द्वारा नहीं दी गई है।

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