
PROFESSIONAL EXAMINATION BOARD के अधिकारियों के मुताबिक ऐसे कई अभ्यर्थी हैं जो गलत जानकारी देने पर चयनित तो हो जाते हैं लेकिन बाद में अपात्र घोषित हो जाते हैं। ऐसे कई मामले भी हैं जब अभ्यर्थी न्यायालय तक पहुंच गए। दर्जनों मामले ऐसे हैं जिसमें कुछ इस तरह की गलतियां हैं जो अभ्यर्थी को अयोग्य करार देने के लिए काफी नहीं हैं, फिर भी अयोग्य करार दिया गया। दरअसल ये सभी गलतियां इसलिए हो जातीं हैं क्योंकि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड के फार्म एमपी आॅनलाइन कियोस्क द्वारा भरे जाते हैं। कियोस्क संचालक कई बार गलतियां कर देता है।
SOFTWARE को नहीं पता सही-गलत
पीईबी के अधिकारियों ने बताया कि अभ्यर्थी जो भी जानकारी भरता है उसे हम सही मानते हैं। बाद में जब संबंधित विभाग में दस्तावेज और अन्य जानकारियों की जांच होती है तो खुलासा होता कि अभ्यर्थी ने गलत जानकारी भर दी थी। अधिकारियों ने बताया कि सॉफ्टवेयर तो भरी हुई जानकारी के आधार पर काम करता है। उसे नहीं पता होता कि कौन किस वर्ग का है।
इनका कहना है
अभ्यर्थी ने ऑनलाइन फार्म में जो जानकारी दी है हम उसे ही अंतिम मानेंगे। अगर कोई गलती से त्रुटि करता है तो उसे नहीं सुधारा जाएगा। कई बार जब चयन हो जाता है और गलत जानकारी देने पर संबंधित अभ्यर्थी अपात्र हो जाता है तो वह पीईबी आता है कि गलती सुधार दी जाए। ऐसा नहीं किया जाएगा। एक बार जो जानकारी भरी है वही फाइनल होगी। किसी परीक्षा के पहले भी कोई सुधार नहीं किया जाएगा। इसलिए अभ्यर्थी सही जानकारी ही भरें।
आलोक वर्मा, संयुक्त नियंत्रक, पीईबी