MPPSC: असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा फिर अटक गई | MP NEWS

मप्र लोक सेवा आयोग (MP PUBLIC SERVICE COMMISSION) ने असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा (ASSISTANT PROFESSOR RECRUITMENT EXAM) की आवेदन प्रक्रिया रोक दी है। अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए पात्रता का दोबारा निर्धारण होगा। नए फैसले क्या होंगे और कब होंगे, इसकी स्पष्ट जानकारी पीएससी और उच्च शिक्षा विभाग दोनों को नहीं है। ऐसे में परीक्षा जल्द होगी, इसकी गुंजाइश कम ही नजर रही है। असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा तीसरी बार उलझ गई है। 1 जनवरी से आवेदन प्रक्रिया शुरू होना थी, लेकिन 3 जनवरी तक लिंक नहीं खुली है। यही वजह है कि आवेदक आवेदन जमा नहीं कर पा रहे हैं। 

जब इस मामले में लोक सेवा आयोग के सचिव पवनकुमार शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत परीक्षा की पात्रता के लिए दोबारा निर्धारण होना है, इसीलिए लिंक नहीं खुली है। जैसे ही फैसला होगा, लिंक खोल दी जाएगी। ऐसी सूरत में आवेदन करने की अंतिम तारीख भी बढ़ाई जाएगी। दरअसल, 2014 और 2015 की भर्ती में आवेदन करने वाले कई उम्मीदवार अब ओवरएज हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार ऐसे आवेदकों को भी परीक्षा में शामिल करना चाहती है। इसके लिए उन्हें आयु सीमा में छूट देना पड़ेगी। इसीलिए नियमों में संशोधन किया जा रहा है। 

सामान्य वर्ग को एक भी पद नहीं 
असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा की ताजा भर्ती में मनोविज्ञान, गृह विज्ञान, भूगर्भ शास्त्र, सांख्यिकी और संगीत विषयों में जनरल कैटेगरी का एक भी पद नहीं है। सभी पद आरक्षित श्रेणी और बैकलॉग के हैं। पिछली बार इनके लिए क्रमश: 6, 6, 8, 2, 4, 4 यानी कुल 30 पद सामान्य वर्ग के थे। उम्मीदवार महेंद्र सिंह का कहना है, वे लंबे समय से भर्ती का इंतजार कर हैं। पढ़ाई पर उनके हजारों रुपए खर्च हुए हैं। ऐसे में इन विषयों में सामान्य का एक भी पद नहीं होना निराशाजनक है। 

सुप्रीमकोर्ट के आदेशों के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा की पात्रता का पुनर्निर्धारण होना है। इस पर चर्चा चल रही है। पात्रता में कुछ नई चीजें जुड़ेंगी, इसलिए लिंक नहीं खोली गई है। जैसे ही इस पर फैसला होगा, लिंक खोल देंगे। आवेदन की तारीख भी आगे बढ़ाएंगे। फैसला कब तक होगा, यह फिलहाल नहीं बताया जा सकता, क्योंकि कुछ निर्णय पीएस ले सकते हैं, कुछ मंत्री जी के पास भी जा सकते हैं। यह उच्च शिक्षा विभाग ही जानता है। हम लगे हुए हैं। जल्द ही लिंक खोल देंगे। - पवनकुमार शर्मा, सचिव,मप्र लोक सेवा आयोग 

असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा को लेकर प्रक्रिया चल रही है। पीएससी से पत्र आया है। नियमों में कुछ संशोधन होना हैं। इसके लिए विशेषज्ञों के साथ कार्रवाई में लगे हैं। विस्तृत जानकारी कम्प्यूटर देखकर ही बता पाऊंगा। - वीरन सिंह भलावी, अवर सचिव, उच्च शिक्षा 

वेबसाइट पर नहीं दी जानकारी 
आवेदक असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा को लेकर पीएससी की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। उनका कहना है कि आयोग ने पहले विज्ञापन जारी कर आवेदन की तारीख घोषित की। बाद में लिंक नहीं खोली। यहां तक कि अपनी वेबसाइट पर इस बारे में कोई कारण भी नहीं बताया। उन्हें आयोग के कार्यालय से भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई कि लिंक नहीं खुलने के पीछे की वजह क्या है। 

बस तारीखें बदल रहा आयोग 
12 दिसंबर 2017 के विज्ञापन में आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 25 दिसंबर से शुरू करने का ऐलान किया था। 24 जनवरी आवेदन भरने की आखिरी तारीख थी। इस पर अमल होता, उससे पहले ही दोनों को तारीखों को बदलकर 1 जनवरी से 31 जनवरी कर दिया गया। आवेदक तीन दिन से आवेदन की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मामला फिर नियम-शर्तों में उलझ गया है। 

वेबसाइट पर नहीं दी जानकारी 
आवेदक असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा को लेकर पीएससी की कार्यप्रणाली से नाराज हैं। उनका कहना है कि आयोग ने पहले विज्ञापन जारी कर आवेदन की तारीख घोषित की। बाद में लिंक नहीं खोली। यहां तक कि अपनी वेबसाइट पर इस बारे में कोई कारण भी नहीं बताया। उन्हें आयोग के कार्यालय से भी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई कि लिंक नहीं खुलने के पीछे की वजह क्या है। 

बस तारीखें बदल रहा आयोग 
12 दिसंबर 2017 के विज्ञापन में आयोग ने असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया 25 दिसंबर से शुरू करने का ऐलान किया था। 24 जनवरी आवेदन भरने की आखिरी तारीख थी। इस पर अमल होता, उससे पहले ही दोनों को तारीखों को बदलकर 1 जनवरी से 31 जनवरी कर दिया गया। आवेदक तीन दिन से आवेदन की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मामला फिर नियम-शर्तों में उलझ गया है। 

पहली बार नहीं फंसा है पेंच 
यह तीसरा मौका है, जब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर पेंच फंसा है। लोक सेवा आयोग ने 2014 में दो हजार से ज्यादा पदों के लिए विज्ञापन निकाला था। उस वक्त करीब 60 हजार आवेदन आए थे, लेकिन भर्ती निरस्त हो गई। 2015 में दोबारा भर्ती निकली थी। तब करीब 48 हजार आवेदकों ने फॉर्म भरा था। यह परीक्षा भी कुछ विसंगतियों के चलते रद्द हो गई। आयोग ने 12 दिसंबर 17 को 2968 पदों के लिए फिर विज्ञापन निकाला है। 

आयोग और उच्च शिक्षा विभाग के पास जवाब नहीं 
ऐन वक्त पर आवेदन प्रक्रिया रुकने से उम्मीदवारों में डर है कि कहीं परीक्षा निरस्त हो जाए। वैसे उनके डर की वाजिब वजह भी है। अधिकारियों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अलग-अलग आदेश दिए हैं। इनके आधार पर पात्रता का निर्धारण कई स्तरों पर होगा। कुछ निर्णय प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा द्वारा लिए जाएंगे। कुछ मामलों पर कैबिनेट की मंजूरी जरूरी होगी। नए नियमों के लागू होने के बाद आवेदन प्रक्रिया नए सिरे से शुरू होगी। ऐसे में परीक्षा जल्द होगी, इसके आसार कम हैं। 

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