शादी से पहले कौमार्य वापस पाने सर्जरी कराने लगीं हैं लड़कियां | HEALTH NEWS

उत्तर प्रदेश के कानपुर की निवासी 22 वर्षीय गौरी (काल्पनिक नाम) पिछले दो वर्ष से दिल्ली के पूर्वी इलाके में रहती हैं। वे गुरुग्राम स्थित एक नामचीन BPO COMPANY में कार्यरत हैं। उनके साथ एक बचपन का दोस्त भी JOB करता है। चूंकि इन दोनों के बीच 8 वर्षों से प्रेम संबंध था। इसलिए दिल्ली आने के बाद दोनों ने ल‌िव-इन में रहने का फैसला लिया। पारिवारिक कारणों के चलते गौरी की शादी (MARRIAGE) अब किसी ओर से होने जा रही है। इसलिए वे HYMEN SURGERY (योनि की झिल्ली की सर्जरी) कराने के लिए दिल्ली गेट स्थित LN HOSPITAL पहुंची। यहां प्लास्टिक सर्जरी विभाग की ओपीडी में उन्होंने DOCTOR से सलाह लेने के बाद आधे घंटे का ऑपरेशन कराया। 

डॉक्टरों की मानें तो पिछले तीन वर्षों में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में शादी से पहले इस तरह के ऑपरेशन कराने वालों की संख्या दोगुनी रफ्तार से बढ़ी हैं। सफदरजंग और लोकनायक अस्पताल में हर महीने एक से दो केस प्लास्टिक सर्जरी विभाग की ओपीडी में पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अब लड़कियां बगैर किसी झिझक अस्पताल पहुंचती हैं। 

कई मिथक जुड़े हैं
LNJP के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. पीएस भंडारी का कहना है कि हाइमन से जुड़े कई तरह के मिथक भी हैं। आमतौर पर कहा जाता है कि झिल्ली पहली बार सहवास करने से फट जाती है और उससे रक्तस्राव होता है। जबकि सच यह है कि ये साइकलिंग, घुड़सवारी या कबड्डी जैसे गेम्स से भी हो सकता है लेकिन अस्पताल आने वाली लड़कियां अक्सर उनसे कहती हैं कि दूसरों की सोच बदलने से अच्छा है खुद को बदल लो। 

तेजी से आया है चलन 
डॉ. भंडारी का कहना है कि दिल्ली सहित मेट्रो शहरों में लीव इन रिलेशनशिप बहुत तेजी से बढ़ा है, जिसके दुष्प्रभाव इस तरह से सामने आ रहे हैं। आमतौर पर प्राइवेट अस्पतालों में इस सर्जरी के लिए 50 से 70 हजार रुपये का खर्चा आता है। लेकिन यहां सब कुछ सरकार की ओर से निशुल्क है। 

शरीर पर पड़ता है असर 
सफदरजंग के वरिष्ठ चिकित्सक  डॉ. आर. पी. नारायण बताते हैं कि लड़कियों के अलावा उनके ब्वायफ्रेंड भी साथ आकर पहले अपॉइनमेंट ले जाते हैं। अन्य ऑपरेशन की भांति हाइमन सर्जरी के भी दुष्प्रभाव शरीर पर पड़ते हैं। खासतौर पर किसी भी तरह के संक्रमण का डर। इसलिए ऑपरेशन से पहले पूरा ज्ञान जरूरी है।

20 से 28 वर्ष की ज्यादा
डॉक्टरों का कहना है कि पिछले एक से डेढ़ साल में जितनी भी लड़कियां हाइमन सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंची हैं, उनकी आयु करीब 20 से 28 वर्ष के बीच होने का अनुमान है। अगर शैक्षणिक वर्ग में देखें तो इनमें से 80 फीसदी पीजी डिग्रीधारक नौकरी करने वाली लड़कियां हैं। हालांकि दिल्ली और बाहरी राज्यों का अनुपात डॉक्टरों ने लगभग बराबर ही बताया है। 

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