चाईबासा/झारखंड। चक्रधरपुर के जीएल चर्च परिसर में स्थित निजी विद्यालय BARUTA MEMORIAL SCHOOL की महिला प्रिंसिपल ने कक्षा चार के छह से ज्यादा मासूम छात्रों को अमानवीय सजा दी है। प्रिंसिपल ने चोरी पकड़ने के लिए जलती मोमबत्ती में सभी छात्रों को बारी-बारी से हाथ रखवाया। बता दें कि इस दर्दनाक सजा से सात मासूम बच्चों की हाथ बुरी तरह झुलस गई। जिसमें चार छात्र हैं और तीन छात्रा है। प्रिंसिपल के इस अमानवीय सजा पर अभिभावकों में तो भारी रोष है ही, पूरे चक्रधरपुर शहर में प्रिंसिपल के द्वारा दी गई इस सजा की घोर आलोचना हो रही है।
छात्रों ने नहीं मानी चोरी करने की बात
दरअसल, बरूटा स्कूल के एक छात्र का 200 रुपये चोरी हो गया। जिसकी शिकायत उसने प्रिंसिपल से की। प्रिंसिपल कक्षा में आयी और सभी छात्रों से चोरी के बारे में पूछताछ की, लेकिन किसी छात्र ने चोरी की बात नहीं मानी। तब प्रिंसिपल ने एक मोमबत्ती जला कर सभी छात्र से कहा कि जिसने चोरी किया है, उसका हाथ जल जाएगा, जिसने चोरी नहीं की उसका हाथ नहीं जलेगा।
मासूम से जलती मोमबत्ती पर रखवाया हाथ
वहीं, सभी छात्र बारी-बारी से जलती मोमबत्ती पर हाथ रखें। प्रिंसिपल के डर से सभी छात्रों ने जलती मोमबत्ती पर हाथ रखा। जिसमें सात छात्र के हाथ जल गए हैं। इधर इस मामले में प्रिंसिपल का कहना है कि उनकी मंशा गलत नहीं थी, सिर्फ छात्रों में चोरी के प्रति भय दिखाना था, यह गलत आदत है।