मप्र: छात्रा का गैंगरेप, पुलिस ने थाने दर थाने भटकाया | CRIME NEWS

भोपाल। स्पष्ट नियम हैं कि यदि मामला किसी पुलिस थाना क्षेत्र का नहीं है लेकिन पीड़ित वहां पहुंच जाता है तो 0 पर FIR दर्ज करें और संबंधित थाने मेें भेज दें। भोपाल गैंगरेप मामले में ऐसी ही लापरवाही के कारण 6 पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया था परंतु हालात में सुधार नहीं आया है। HARDA, BETUL और KHANDWA जिले के बार्डर पर बसे एक गांव की छात्रा का 5 बदमाशों ने सामूहिक बलात्कार किया परंतु पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। उसे थाने दर थाने भटकाया गया। 

पीड़िता सबसे पहले बैतूल जिले में मामला दर्ज कराने गई लेकिन पुलिस ने उसे भगा दिया। आरोप है कि पुलिस और बदमाशों के बीच पहले ही बातचीत हो गई थी। जिसके बाद पीड़िता ने हरदा जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। पीड़िता हरदा में अपनी नानी के घर आई और मंगलवार को दुष्कर्म करने वाले पांच आरोपियों की शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक के पास पहुंच गई। पीड़िता ने बताया कि वह अपने दादा-दादी के पास रहकर पढ़ाई करती है जबकि उसके माता-पिता हरदा जिले में मजदूरी करते हैं। 

स्कूल छोड़ने के बहाने बनाया हवस का शिकार
पीड़िता ने बताया कि स्कूल खंडवा जिले में पड़ता है, वह रोज की तरह 11 जनवरी को सुबह स्कूल पैदल जा रही थी। इस दौरान रास्ते में गांव के ही रहने वाले 5 लड़कों ने बाइक से स्कूल छोड़ने को कहकर बाइक पर बैठा लिया। आगे लड़कों ने एक खेत पर जाकर बाइक रोकी और कुछ नशील पदार्थ दिया दिया और इसके बाद बारी-बारी से दिन और रात दुष्कर्म किया। 

खेत में बेसुध हालत में मिली लड़की
इधर शाम को घर नहीं आने पर दादा-दादी ने पुलिस को जानकारी दी। अगले दिए वह खेत में बेसुध हालत में मिली जिसकी जानकारी पीड़िता के माता-पिता को दी। पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया बल्कि बलात्कार पीड़िता को उसके परिजनों को सौंपकर लौट आई। 

पुलिस अधीक्षक की पहल पर दर्ज हुआ केस
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर सामूहिक दुष्कर्म का मामला 5 लड़कों पर दर्ज किया है। साथ ही पीड़िता का मेडिकल कराया गया है। चूकिं यह मामला बैतूल जिले का है इसके लिए थाने में कायमी दर्ज कर बैतूल डायरी भेजी जाएगी। 

पंचायत ने कहा पैसे ले लो और चुप रहो
चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस मामले में युवती के परिजनों ने गांव की पंचायत में भी शिकायत की। पंचायत ने सुनवाई के बाद पाया कि अपराध हुआ है परंतु मामला दर्ज कराने के बजाए पंचायत ने फैसला सुनाया कि वो कुछ पैसे ले ले और चुप हो जाए। यहां पीड़िता को यह भी बताया गया कि पुलिस उसका मामला दर्ज नहीं करेगी और बैतूल में ऐसा ही हुआ। 

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