
सीएम जब हरमीत कौर के घर पहुंचे तो परिजनों ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दिल्ली पब्लिक स्कूल केवल फीस लेती है, टीचर्स की कोई जिम्मेदारी नहीं है। ये स्कूल बंद होना चाहिए। ऑटो वाले 10 बच्चे बैठाते हैं, ट्रैफिक वाले रोड पर बसें तेजी से चलती हैं। मुख्यमंत्री ने परिवार को ढांढस बंधाया, कहा चारों परिवार का एक उठावना बैठक करवाएं, जहां पूरा इंदौर श्रद्धाजलि देना चाहता है। परिजनों ने कहा कि प्रिंसिपल और स्कूल किसी लायक नहीं है।
इसके बाद सीएम घायल बच्चों से मिलने बॉम्बे हॉस्टिपल गए। सीएम ने अस्पताल से निकलने के बाद कहा कि दुर्घटना की न्यायिक जांच एक आईएएस स्तर के अधिकारी से करवाई जा रही है। इसकी रिपोर्ट 15 दिन के अंदर आ जाएगी। इसके बाद जो तथ्य सामने आएंगे दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही 15 साल से पुरानी बसें स्कूल बसों के रूप में इस्तेमाल नहीं होगी।
इसके साथ ही फिटनेस के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम बनाया जाएगा, जिसमें कोई छेड़छाड़ न कर सके। बसों में लगे जीपीसी से उनकी गति पता लगाने की तैयारी की जा रही है। सीएम ने कहा कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी आरटीओ का व्यवहार ठीक नहीं था, इसलिए मैंने उन्हें हटाने का निर्णय लिया।