
उल्लेखनीय है कि उमा भारती ने ही 2014 में कहा था कि व्यापम घोटाला चारा घोटाले से बड़ा है। उन्होंने ही इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने के लिए दबाव बनाया था। उसी साल कांग्रेस ने उमा भारती पर भी इस घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था।
व्यापमं घोटाले में नाम आने के बाद उमा भारती तेजी से सक्रिय हुईं थीं। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह से भी मुलाकात की। बाद में एसटीएफ की तरफ से आधिकारिक बयान दिया गया कि उमा भारती के खिलाफ ना तो उन्हे कोई सबूत मिले हैं और ना ही किसी ने गवाही दी है। एसटीएफ के बाद इस मामले की जांच सीबीआई ने की है।