
भाजपा से 22 साल पुरानी कुर्सी पर पहली बार जीती बसपा के साथ भाजपा का टकराव शुरू हो ही गया। सदन में पहले से अल्पमत बसपा के पार्षदों ने शपथग्रहण समारोह में जो आचरण दिखाया, उससे एक बार फिर तमाम मर्यादाएं धूमिल होती नजर आईं। कृष्णांजलि नाट्यशाला में समारोह की शुरुआत वंदे मातरम के साथ हुई। इस दौरान बसपा के मुस्लिम पार्षद खड़े तक नहीं हुए।
इससे भाजपाई बिफर गए और बसपा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे। इसे लेकर पूर्व विधायक जमीरउल्लाह खां की भाजपाइयों से खूब नोक-झोंक भी हुई। अफसरों ने जैसे-तैसे माहौल संभाला, लेकिन शपथ ग्रहण के दौरान बसपा के वार्ड 54 से पार्षद मसर्रत ने उर्दू तर्जुमा करके बोलना शुरू कर दिया।
इसे लेकर फिर हंगामा शुरू हो गया। भाजपाइयों ने 'जो हिंदू की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा', 'हिंदुस्तान में रहना होगा तो वंदे मातरम कहना होगा' जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए। बता दें कि मसर्रत ने पहले भी उर्दू में शपथ दिलाने की मांग की थी, जिसे निगम ने खारिज कर दिया था। बसपा के महापौर मोहम्मद फुरकान और पार्टी ने भी भाषा विवाद को गलत बताते हुए पल्ला झाड़ लिया था।
इस दौरान मेयर की गाड़ी पर पथराव पर पथराव हो गया और पुलिस ने मुश्किल से उन्हें वहां से निकाला। हालांकि मेयर या उनकी गाड़ी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। उनकी तरफ दो पत्थर फेंके गए थे।