
महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने कहा कि आप एसपी रेल की हैसियत से नहीं आई है। आप एक आवेदक है इसलिए आयोग की सदस्य के रूम में नहीं बल्कि आम आवेदक की तरह बाहर बैठें। इसके बाद अनीता मालवीय लाइन में जाकर बैठ गईं। मीडिया ने उनसे कई सवाल किए परंतु उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
महिला आयोग में दो दिवसीय बेंच के दूसरे दिन आवेदक अनीता मालवीय द्वारा की गई शिकायत की सुनवाई हुई। मालवीय ने आयोग में 15 नंवबर को शिकायत की थी कि उनकी कुछ आईपीएस और मीडियाकर्मियों ने षडयंत्र करके वीडियो बनाया और छवि धूमिल करने के लिए उसे तोड़मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया। इस मामले में आयोग ने एडीजी को तलब किया था। एडीजी रेल जीपी सिंह ने आयोग पहुंचकर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इनकी शिकायत मीडिया के खिलाफ है इस मामले में वे कुछ नहीं कर सकते है। आयोग की बेंच में 50 मामले रखे गए थे जिसकी सुनवाई अध्यक्ष लता वानखेड़े, सदस्य सूर्या चौहान और अंजू बघेल ने की।
एडीजी ने छीन लीं शासकीय सुविधाएं
सुनवाई के दौरान एडीजी रेल ने कहा कि मेडम मालवीय की शिकायत मीडिया से और कुछ अधिकारियों से है, लेकिन शिकायत में किसी भी अधिकारी का व्यक्तिगत नाम नहीं लिखा है, तो वे जांच क्या करें और कैसे करें। कुछ अधिकारी कौन है उनका नाम स्पष्ट लिखना होगा। तभी मामले की जांच हो सकती है। इस पर मालवीय ने आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित विभाग से उनका ट्रांसफर कर दिया गया। वे रिलीव भी नहीं हुई और एडीजी रेल ने उनसे सभी शासकीय सुविधाएं छीन लीं थीं। इस पर एडीजी सिंह ने आयोग का बताया कि ऊपर के आदेश थे उन्होंने तो उसका केवल पालन किया।