शिवराज सरकार की सहरिया आदिवासियों को जलील करने वाली हरकत | mp news

भोपाल। चंद रोज पहले ही सीएम शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में सहरिया सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। माता सबरी के भोले भक्तों का गुणगान कर रहे थे। उनके लिए योजनाओं की घोषणा कर रहे थे। गुरूवार को वही शिवराज सिंह अपनी ब्यूरोक्रेसी को देश की सबसे अच्छी ब्यूरोक्रेसी बता रहे थे और आज उनकी परमप्रिय ब्यूरोक्रेसी ने उसी शिवपुरी जिले में सहरिया आदिवासियों केा जिस तरह से जलील किया। बड़ा मुद्दा हो सकता है। शिवपुरी के जिला प्रशासन ने निर्धन नागरिक की ​सूची में आने वाले लोगों के घरों के बाहर लिखवा दिया है। 'मेरा परिवार गरीब है।' अब अधिकारी इससे पल्ला झाड़ते हुए कह रहे हैं कि इंसानों के आत्मसम्मान पर चोट करने वाला यह वाक्य इनके घर पर किसने लिखा, क्यों लिखा, इसकी पड़ताल की जा रही है। 

शिवपुरी जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर है विनैगा गांव। यहां की एक बस्ती में 150 से ज्यादा सहिरया आदिवासियों के कच्चे मकान हैं। इनकी माली हालत अच्छी नहीं है, यही कारण है कि अधिकांश को गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवारों में रखा गया है। यहां हाल ही में बीपीएल परिवारों का सर्वेक्षण कार्य हुआ है। सर्वेक्षण करने वाले दल ने उन सभी घरों के बाहर बीपीएल कार्ड नंबर, परिवार मुखिया का नाम और 'मेरा परिवार गरीब है' लिख दिया है। 

2 एलएलबी स्टूडेंट्स ने उठाया मुद्दा
ओडिशा के विधि विश्वविद्यालय में अध्ययनरत अभय जैन और पुलकित सिंघल पिछले दिनों शिवपुरी जिले में सूखे के हालत का जायजा लेने निकले, तो वे विनैगा गांव में घरों के बाहर लिखी इस लाइन को पढ़कर चौंक गए। जैन ने बताया, 'जब हमने देखा कि सहरिया आदिवासियों के घरों के बाहर बाकायदा पेंट करके बीपीएल कार्ड नंबर, परिवार के मुखिया का नाम और 'मेरा परिवार गरीब है' लिखा है, तो दंग रह गए। यह पूरी तरह कानून के खिलाफ है। यह गरीबों के आत्मसम्मान पर चोट करने वाला है और मानवाधिकार का हनन भी।' 

जलील करने के बाद भी योजनाओं का लाभ नहीं दिया
जैन ने आगे बताया कि उन्होंने पिछले माह इस गांव के घरों की तस्वीर सहित राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। अफसोस की बात यह कि सर्वेक्षण में चिह्नित किए जाने के बावजूद इन आदिवासियों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इन्हें पीने का पानी तक नसीब नहीं है। इनकी बस्ती में एक हैंडपंप है, जो खराब पड़ा है। 

कलेक्टर ने स्वीकार किया
कलेक्टर तरुण राठी ने घरों के बाहर 'मेरा परिवार गरीब है' लिखा होने की बात स्वीकारते हुए कहा कि वह इस बात की जांच करा रहे हैं कि किसने और क्यों ऐसा लिखा है। साथ ही लिखे गए ब्योरे को मिटाने के भी आदेश दे दिए गए हैं। गौरतलब है कि शिवपुरी व श्योपुर में सहरिया आदिवासियों की बड़ी आबादी है। इन दोनों जिलों में 50 हजार से ज्यादा सहरिया बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं। 
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