तहसीलदार ने नदी में कूद माफिया की पनडुब्बियां उड़ाईं | MP NEWS

ग्वालियर। रेत माफिया के खिलाफ बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई हुई है। छापामार कार्रवाई से पहले ही सूचना लीक हो गई और माफिया पनडुब्बियां पानी में डुबाकर आसानी से भाग गया लेकिन टीम के साथ पहुंचने तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल को खाली हाथ लौटना मंजूर नहीं था। वो खुद नदी के ठंडे पानी में कूदे और डूबी हुईं 2 पनडुब्बियां ढूंढ निकालीं फिर उन्हे डायनामाइट लगाकर ब्लास्ट कर दिया गया। हालांकि लोगों ने बताया कि माफिया कुछ पनडुब्बियां अपने साथ ले गया लेकिन इस कार्रवाई से उसे बड़ा नुक्सान हुआ। 

लीक हो गई थी सूचना, भाग गया था माफिया
सिंध नदी के पलाएछा घाट पर सोमवार दोपहर करीब 1 बजे टीम पहुंची। टीम में एसडीएम इकबाल मोहम्मद, तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल और माइनिंग विभाग के रमेश रावत शामिल थे। हालांकि सूचना लीक होने से टीम पहुंचने से पहले ही माफिया ने कुछ पनडुब्बियों को नदी में डुबो दिया और कुछ पनडुब्बी निकालकर भाग गए। टीम को मौके पर रैंप बने मिले। हालात देखकर लगा कि कुछ देर पहले ही रेत उत्खनन हो रहा था। 

तहसीलदार ने नदी में कूदकर तलाशीं और विस्फोट से उड़ा दीं
नायब तहसीलदार ने स्वयं नदी में उतरकर डुबोई गईं पनडुब्बियों को खोजा तो एक पनडुब्बी मिल गई। जिसे डायनामाइट से ब्लास्ट कर नष्ट कर दिया। कुछ दूरी पर सिद्ध बाबा के स्थान के पास एक ओर पनडुब्बी मिली। इसे भी नष्ट कर दिया गया। इसके बाद टीम लोहढ़ी घाट पर पहुंची। यहां भी नदी में डुबाई गईं दो पनडुब्बियों को खोजकर ब्लास्ट से नष्ट किया गया। ब्लास्टिंग के लिए ग्वालियर से तीन सदस्यीय एक्सपर्ट टीम बुलाई गई थी।

कार्रवाई के बाद अक्सर घाट बदल देता है माफिया
प्रशासन जब भी रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करता है तो अक्सर उत्खनन करने वाले घाट बदल देते हैं। एक जगह कार्रवाई के बाद उत्खनन करने वाले दूसरे घाट पर पहुंच जाते हैं। यह सिलसिला निरंतर चलता रहता है। इस प्रकार कार्रवाई के बाद भी रेत के अवैध उत्खनन पर अंकुश नहीं लग पाता। हालांकि इन दिनों प्रशासन की सख्ती के चलते पहले की तुलना में रेत के अवैध उत्खनन पर रोक लगी है।

पहले लुहारी घाट पर ब्लास्टिंग से नष्ट की थीं सात पनडुब्बी
प्रशासन व माइनिंग विभाग की टीम ने 8 दिसंबर को भी इसीप्रकार की कार्रवाई की थी। तब सिंध नदी के लुहारी घाट पर कार्रवाई की गई थी। यहां भी रेत माफिया ने पनडुब्बियों को नदी में डुबो दिया था। यहां प्रशासन ने पहली बार डायनामाइट का उपयोग कर सात पनडुब्बियों को ब्लास्टिंग के जरिए नष्ट कर दिया था। इसके बाद से अभी तक घाट पर रेत का उत्खनन बंद है। डायनामाइट से पनडुब्बियों में ब्लास्ट करने का एक फायदा यह है कि रेत माफिया इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। दूसरी पनडुब्बी तैयार करने में उन्हें कुछ वक्त लग जाता है। 

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