अब सीएम पुत्र की डेयरी पर गाल बजाने लगे अरुण यादव | MP NEWS

भोपाल। मप्र कांग्रेस के पास शिवराज सिंह सरकार के पास हमला करने के लिए अपना स्टडी मटीरियल या रिसर्च रिपोर्ट नहीं होती। वो तो मीडिया से मसाला इकट्ठा करके बयानबाजी किया करते हैं। हालात छोटे नेताओं की नहीं, प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के भी ऐसे ही हैं। आज उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई डेयरी पर कुछ सवाल पूछे हैं। यहां बड़ा सवाल यह है कि अरुण यादव ने सवाल क्यों पूछे, यदि उनके पास अपनी टीम है तो पता लगाएं और जो सवाल पूछे हैं उनके जवाबों का खुलासा करें। यदि टीम नहीं है तो इस्तीफा लिखे और घर चले जाएं। 

आइए करते हैं अरुण यादव के सवालों का पोस्टमार्टम
1. फूलों की खेती के बाद अब ‘‘दूध का धुला दूध’’- पुत्र कार्तिकेय सिंह चौहान।
यह एक बड़े अखबार की खबर का शीर्षक है। 
2. हॉलेंड की एच.एफ. नस्ल की 200 गायें खरीदी, 5 करोड़ रूपयों का लिया लोन।
यह भी खबर के अंदर दी गई जानकारी है। 

3. कार्तिकेय के SOURCE OF INCOME  क्या हैं, जो उन्हें बैंक ने इतनी बड़ी राशि का लोन स्वीकृत कर दिया, क्या प्रदेश के अन्य बेरोजगार को भी इस तरह की सुविधाऐं प्राप्त हैं। 
अरुण यादव यह तक नहीं बता पाए कि किस योजना के तहत यह लोन स्वीकृत हुआ है। कई सरकारी योजनाएं लोन उपलब्ध करातीं हैं और कई लोगों को मिलता भी है। यादव के सामने सवाल यह है कि वो पता करें कि क्या यह लोन नियम विरुद्ध है। यदि हां तो कैसे। 

4. इस हेतु 10 एकड़ जमीन पर विदिशा जिले के ढोलखेड़ी ग्राम में ‘सुंदर डेयरी’ नाम से डेयरी शुरू की गई है, जिसमें प्रतिदिन 800 लीटर, दूध 65 रू. प्रति लीटर के हिसाब से सप्लाई किया जायेगा।
यह जानकारी अखबार में दी गई है। यादव ने कुछ नया नहीं जोड़ा। 

5. जब दुग्ध-संघ किसानों से गाय का दूध 26.84 रू. और भेंस का दूध 42.64 रू. प्रतिलीटर के भाव से खरीदता है, तो मुख्यमंत्री के पुत्र कार्तिकेय की डेयरी का दूध 65 रू. प्रतिकिलो क्यों बेचा जायेगा ?
सरकारी और प्राइवेट दूध के दामों में अंतर इससे पहले भी रहा है। सांची और अमूल के दूध की कीमतों में भी अंतर है। वो क्वालिटी की गारंटी दे रहे हैं। यदि यह दाम नियम विरुद्ध हों तो बताएं कि किस नियम का उल्लंघन हो रहा है। 

6. कांग्रेस की मांग है कि आम किसानों का दूध भी 50 रू. प्रतिकिलो के भाव से समर्थन मूल्य पर खरीदा जाये। 
क्या कांग्रेस चाहती है कि सांची का दूध भी 65 रुपए किलो हो जाए। आम जनता को 44 वाला दूध 65 में बेचा जाए। 

7. मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के पुत्र की डेयरी से निर्मित दूध की ब्रांडिंग किसने की है, सार्वजनिक हो ?
सीएम के चिरंजीव की डेयरी सरकारी संपत्ति नहीं है जिसकी ब्रांडिंग का खुलासा किया जाना अनिवार्य हो। हो सकता है कोई बार्टर डील हो। यदि यादव को पता है कि डील क्या है तो उसका खुलासा करें। 

8. कांग्रेस की जानकारी के अनुसार यह ब्रांडिंग जनसंपर्क विभाग के माध्यम से वर्षों से इवेंट मेनेजमेंट का काम कर रहे संजय प्रकट नामक व्यक्ति ने किया है, जिसने जनसंपर्क/ माघ्यम से करोड़ों रू. अर्जित किये हैं। 
यह जानकारी कांग्रेस की नहीं है। एक अखबार ने इसका खुलासा किया है। 

9. कांग्रेस को मुख्यमंत्री के पुत्र कार्तिकेय के व्यवसाय करने पर कोई आपत्ति नहीं है, किन्तु इस बात की आशंका भी है कि भ्रष्टाचार के माध्यम से कमाई गई अकूत संपत्ति को मुख्यमंत्री ऐसे व्यवसायों के माध्यम से ‘‘व्हाईट मनी’’ में तब्दील करने की कोशिश कर रहे हैं।
फूल की दुकान खुले आधा साल होने को है। वहां से कोई कालाधन सफेद हुआ हो तो घोटाले का पर्दाफाश करें। इस तरह का संदेह तो आम आदमी हर रोज जताता रहता है। 

10. कार्तिकेय एवं उसके परिवार ने 10 एकड़ जमीन कब, कैसे, किन दामों, किससे और किसके नाम पर खरीदी है, यह भी सार्वजनिक होना चाहिए ? 
कांग्रेस का अपना नेटवर्क नहीं है क्या जो इस तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं। थोड़ी छानबीन करो और यदि गड़बड़ हो तो खुलासा करो। 

अरुण यादव से एक सवाल
कब तक मीडिया से मसाला जमा करके सवाल पूछते रहोगे। कभी खुद भी कुछ पका लिया करो। अरुण यादव से सिर्फ एक सवाल उन्होंने अपने अध्ययन और निजी प्रयासों से अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में शिवराज सिंह सरकार के कितने घोटालों का खुलासा किया। 
उपरोक्त सारे सवाल कोई पार्षद पूछे तो समझ आता है परंतु पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष पूछे तो उसकी योग्यता पर संदेह पैदा होता है। 2018 चुनाव नजदीक आ जाने के बावजूद अरुण यादव बस विपक्षी पार्टी होने की औपचारिक खानापूर्ति कर रहे हैं। 

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