
बावरिया ने रविवार को कहा कि मध्य प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 15 जनवरी से प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। शुरुआत में हारी हुई सीटों पर फोकस होगा। चुनाव लड़ने वाले जिन दावेदारों के नाम आएंगे, उनमें से स्क्रूटनी की जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत चुनाव के 6 महीने पहले टिकट तय किए जा सकेंगे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो दिन तक चली बैठक में बावरिया ने बीते 14 साल से प्रदेश में सत्तारूढ़ सरकार से सीधे संघर्ष करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, पूर्व सांसद और विधायकों से वन-टू-वन चर्चा की और उनसे सुझाव लिए।
युवाओं को मिलेगा महत्व
मप्र में इस बार युवाओं को खास महत्व मिलने वाला है। कांग्रेस ने अपनी सीटों का वर्गीकरण किया है। जिस सीटों पर कांग्रेस लगातार 4 बार से हारती आ रही है उसे युवाओं को सौंपने का फैसला कर लिया गया है। युवक कांग्रेस को कहा गया है कि वो ऐसी सीटों पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दे। ऐसे दावेदार जिनकी उम्र 70 के पार है और जो पिछला चुनाव हार चुके हैं, इस बार संकट में रहेंगे। उनके टिकट काटकर युवाओं को दिए जा सकते हैं। पहली बार कांग्रेस यहां राहुल गांधी की लाइन पर चलती नजर आएगी।