जमीन और GOLD नहीं तो कहां INVEST कर रहे हैं भारत के लोग | BUSINESS NEWS

नई दिल्ली। रियल एस्टेट और सोने में सरकार के सख्त नियमों के कारण आई नरमी के बाद अब निवेशकों (INVESTORS) का रुझान बदला है। उनका झुकान इक्विटी म्यूचुअल फंड (EQUITY MUTUAL FUNDS) की ओर बढ़ा है। नवंबर महीने में खुदरा निवेशकों ने इक्विटी (SHARE MARKET LINKED) म्यूचुअल फंडों में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश (INVESTMENT) किया। असोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा जारी किए गए आंकडों के अनुसार, इस निवेश से चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में कुल शुद्ध निवेश 1.16 लाख करोड़ रुपये हो गया। 

शेयरखान इन्वेस्टमेंट सलूशंस के निदेशक स्टेफेन ग्रोनिंग ने कहा, 'ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट्स का तरीका अपनाए जाने से इक्विटी फंड में निवेश पर सकारात्मक असर पड़ा है।' डेटा के मुताबिक इक्विटी फंड्स (ELSS भी शामिल) में नवंबर के महीने में 20,308 करोड़ का शुद्ध निवेश हुआ। जबकि इससे पिछले महीने में यह 16,002 करोड़ था। सितंबर में यह आंकड़ा 18,936 करोड़ रुपये था। 

यह लगातार 20वां महीना है, जब इक्विटी योजनाओं में निवेश बढ़ा है। इससे पहले मार्च 2016 में इक्विटी फंडों में 1,370 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। यह लगातार पांचवां ऐसा महीना है जबकि इन योजनाओं में शुद्ध निवेश 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक रहा है। निवेश बढ़ने से इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का असेट बेस अक्टूबर के 7.08 लाख करोड़ से बढ़कर नवंबर में 7.33 लाख करोड़ रुपये हो गया। 

बजाज कैपिटल के CEO राहुल पारिख ने कहा कि सरकार द्वारा PSU बैंकों के लिए पूंजी जुटाना, सागरमाला प्रॉजेक्ट जैसी बड़ी घोषणाओं से अगले 2-3 वर्षों में अच्छी कमाई की उम्मीद बढ़ी है। मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग बढ़ाए जाने का भी सकारात्मक असर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि सोना और पारंपरिक बचत योजनाओं में ब्याज दर घटने से निवेशक इक्विटीज की तरह बढ़े हैं। 

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