
नोटबंदी के बाद जिस तरह से उसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और जीडीपी पर पड़ा उससे किरकिरी से बचने के लिए सीएसओ को बेहतर आंकड़े देने के लिए कहा गया। अहमदाबाद में चार्टेड अकाउंट के एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वामी ने कहा कि आप जीडीपी के तिमाही आंकड़ों पर न जाएं, वो सब बकवास हैं।
मैं आपका बता रहा हूं क्योंकि मेरे पिता ने सेंट्रल स्टैटिस्टिक ऑर्गेनाइजेशन को बनाया था। उन्होंने कहा कि हाल ही में मैं केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा (सांख्यिकी मंत्री) के साथ वहां गया था। उन्होंने सीएसओ अधिकारियों को आदेश दिया, क्योंकि नोटबंदी पर आंकड़े देने का दबाव था।इसलिए वह जीडीपी के ऐसे आंकड़े जारी कर रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि नोटबंदी का कोई असर नहीं पड़ा। मैं घबराहट महसूस कर रहा हूं, क्योंकि मुझे पता है कि इसका प्रभाव पड़ा है।
मैंने सीएसओ के निदेशक से पूछा था कि आपने उस तिमाही में जीडीपी के आंकड़ों का अनुमान कैसे लगाया था जब नोटबंदी का फैसला (नवंबर 2016) लिया गया था?’ बकौल स्वामी, सीएसओ निदेशक ने बताया कि वह क्या कर सकते हैं? वह दबाव में थे। उनसे आंकड़े मांगे गए और उन्होंने दे दिए।