साइंस स्टूडेंट्स के लिए गुडन्यूज मोदी सरकार लेने जा ही बड़ा फैसला | EDUCATION NEWS

जबलपुर। MBBS में ADMISSION के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। भारत के MEDICAL COLLEGE में एडमिशन के लिए आयोजित होने वाली ENTRANCE EXAM (NEET) के संदर्भ में केन्द्र सरकार परीक्षा में बैठने के लिए सिर्फ तीन मौके की बाध्यता खत्म करने जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रस्ताव पर MCI ने भी अपनी मुहर लगा दी है। अब नए नियमों के मुताबिक STUDENTS 25 साल तक इस परीक्षा में बैठ सकेंगे। एमसीआई द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के तहत नीट में बैठने के लिए ऊपरी आयु सीमा सामान्य वर्ग के लिए 25 वर्ष और अजा, जजा, अन्य पिछड़ा वर्ग व विकलांगों के लिए 30 साल होगी। आयु की गणना के लिए प्रत्येक वर्ष 30 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई है। जबकि न्यूनतम आयु प्रवेश के वर्ष में 31 दिसंबर तक 17 साल होनी चाहिए। 

नए नियमों के तहत यदि कोई सामान्य वर्ग का छात्र सत्रह साल की उम्र में पहली बार परीक्षा देता है तो उसे अधिकतम 9 और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार को 14 मौके मिलेंगे। मंत्रालय के अनुसार 2017 से इसे लागू कर दिया जाएगा। इस फैसले से छात्रों पर तीन बार में ही परीक्षा पास करने लिए पड़ने वाला दबाव कम होगा।

अंग्रेजी व अन्य भाषाओं के प्रश्न एक समानः
नीट पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने नीट के खिलाफ दायर याचिकाओं का निराकरण करते हुए सभी भाषाओं में नीट का प्रश्न पत्र एक समान करने का CBSE को आदेश दिया है। बीते 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि नीट की अंग्रेजी और दूसरी भाषाओं में प्रश्न एक ही तरह के पूछे जाएं। इसके लिए सीबीएसई राज्यों को बताएगी कि प्रश्नों में एकरूपता कैसे आए। सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा ने वर्नाकुलर शब्द को अपमानजनक बताते हुए कहा कि यह एक साम्राज्यवादी शब्द है, जिसका इस्तेमाल अंग्रेजों ने किया था।

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