भोपाल: काली मंदिर का फूल वाला लड़कियों का तस्कर निकला | CRIME NEWS

भोपाल। क्या आप कभी सोच सकते हैं कि एक मंदिर के दरवाजे पर फूल की दुकान लगाए बैठा व्यक्ति लड़कियों को किडनैप कर उन्हे बेच भी सकता है। भोपाल के प्रसिद्ध काली मंदिर के बाद फूल बेचने वाले गुड्डू का मुख्य धंधा यही था। उसने एक ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क / human trafficking  network बना रखा है। ऐसी लड़कियां और महिलाएं जो गरीब हों, लाचार हों या बेसहारा हों उन्हे लालच देकर जाल में फंसाया जाता था और फिर बेच दिया जाता था। खरीददार उन्हे गुलाम / Slaves बनाकर रखता था। फूलवाला गुड्डू बच्चों की तस्करी भी करता है। विदिशा / vidisha का एक माफिया बच्चों को खरीदकर उनसे भीख मंगवाता है। पुलिस के हाथ गुड्डू लग गया है, अब देखना यह है कि क्या पुलिस पूरे नेटवर्क का खुलासा कर पाएगी। 

मामला शाहजहांनाबाद से लापता हुई 28 साल की महिला और उसकी 3 साल की बेटी का है।  आरोपियों के चंगुल से छूटकर आई महिला ने बताया कि वो शाहजहांनाबाद में रहकर छोटा-मोटा काम कर बेटी को पाल रही थी। शानू ने कहा कि 50-60 रुपए में क्या होता है। मेरे साथ राजगढ़ चलो। 500 रुपए दिन का दिलवा दूंगा। आरोपी शानू मुझे और बेटी को रंजीत के साथ 14 अगस्त को माटनीपुरा लाया। रंजीत ने सुमेर से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दी। मैंने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी बेटी हमारे पास है, मार देंगे। उसके बाद वह बेटी ले गए।

सुमेर घर में बंद करके मारता था। मजदूरी करवाता था और रात को ज्यादती करता था। उस नर्क में मैं उनका जुल्म सिर्फ अपनी बेटी को जिंदा देखने के लिए सहती रही। महिला ने कहा कि कैसे लोग होते थे जो इंसानों को भी बेच देते हैं।

शराबी पति से अलग हुई थी महिला
मेरी 12 साल पहले खंडवा में शादी हुई थी। पति काम की तलाश में भोपाल ले आया। शराब पीकर झगड़ा करता था। उसका व्यवहार असहनीय था। बेटी के जन्म के कुछ समय पहले मैंने उसे छोड़ दिया।

जंगल के बीच मकान में बंधक मिली महिला
पुलिस ने रंजीत की निशानदेही पर माटनीपुरा में 5 जगहों पर दबिश दी। अंतत: जंगल के बीच एक मकान में महिला बंधक मिली। हालांकि सुमेर और उसका पिता भाग गया। वह उससे दिन में मजदूरी करवाता था और रात में ज्यादती करता था। वहीं एक टीम ने विदिशा में पांच अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर बच्ची को एक मंदिर के बाहर गंगाराम से बरामद कर लिया।

फूलवाला गुड्डू ही मानव तस्कर रंजीत था
पुलिस के पास केवल फूल बेचने वाले रंजीत का नाम ही था। इस आधार पर पुलिस ने शाहजहांनाबाद, तलैया, मंगलवारा और कोेहेफिजा में फूल बेचने वालों के 26 ठिकानों पर पूछताछ की, लेकिन रंजीत नहीं मिला। किसी ने बताया कि वह रंजीत नहीं, गुड्डू है। वह काली मंदिर के पास फूल बेचता है। गुड्डू को हिरासत में लिया गया। गुड्डू ने बताया कि पीर गेट निवासी शानू महिला को लेकर आया था। महिला काम मांगने आई थी। उसने उसे डेढ़ लाख में राजगढ़ के माटनीपुरा निवासी 50 वर्षीय सुमेर गुर्जर को बेच दिया था। सुमेर ने बच्ची को रखने से मना कर दिया था। इसलिए उन्होंने विदिशा निवासी गंगाराम को 50 हजार रुपए में बच्ची दे दी थी।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!