
तेल कंपनियां अपने नेटवर्क का विस्तार करना चाहती हैं। इसके लिए इस बार उनका फोकस ग्रामीण क्षेत्र पर सबसे ज्यादा है। पिछले तीन सालों के दौरान LPG कनेक्शन लेने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। जिस रफ्तार से उपभोक्ता बढ़े हैं, उस रफ्तार से वितरक नहीं। इसकी वजह से सरकार तेल कंपनियों पर दबाव बना रही हैं कि वह जल्द ही वितरकों की नियुक्ती करे और उनसे जल्दी काम लेना शुरू करें।
एक अप्रैल 2015 से लेकर इस साल 30 सितंबर 2017 तक घरेलू गैस उपभोक्ताओं की संख्या 44 फीसदी बढ़ी है। मौजूदा समय में यह संख्या 21.4 करोड़ के पार है लेकिन इस दौरान वितरकों की संख्या तेजी से नहीं बढ़ी है। उपभोक्ताओं के मुकाबले इस दौरान एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या बढ़कर केवल 19200 है।
तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने सभी तेल कंपनियों को 5000 नय एलपीजी वितरक नियुक्त करने के लिए कहा है। तेल कंपनियों को यह काम 2019 तक निपटाना है। इसके लिए सरकार अपनी तरफ से पहले ही 2000 लाइसेंस जारी कर चुकी है। अगले साल मार्च 2018 तक 3400 आवेदकों का चयन किया जाना है। इसके अलावा 600 आवेदकों का चयन लॉटरी के जरिये सरकार कर चुकी है।