वार्षिक राशिफल 2018: मकर राशि (भो,जा,जी,खा,खी,खु,खे,खो,गा,गी) | | Rashifal 2018 in Hindi Capricorn/makar

इस राशि का स्वामी शनि व्यय भाव मे धनु राशि मे है। इस राशि को साढ़ेसाती का प्रथम ढैया चल रहा है। शनि महाराज की दृष्टि दूसरे, छ्ठे और भाग्य स्थान मे रहेगी। इस हिसाब से साडेसाति का प्रथम भ्रमण आपकी समस्या को समाप्त करेगा। रोग, ऋण, शत्रु नष्ट होंगे, विदेश यात्रा से भाग्योदय होगा, बाहरी क्षेत्र से विशेष सफलता का योग, है, जनता, धर्म, अध्यात्म, ज्ञान,शिक्षा के क्षेत्र मे खास सफलता का योग। आमदनी के क्षेत्र मे विशेष सफलता प्राप्त होगी, शिक्षक, सलाहाकार, वकील आदि लोगों के लिये शुभ समय। आप सभी को अपने कार्यों मे विशेष सफलता प्राप्त होगी, खर्च पर नियंत्रण रखें, निवेश आदि से दूर रहें, कोर्ट, कचहरी, चिकित्सा सम्बंधी कार्यों के लिये समय ठीक है। परिवार, व्यापार, कर्मक्षेत्र, नौकरी मे कठिनाइयां आपके धैर्य की परीक्षा लेंगी। व्यापार, नौकरी मे प्रतिद्वंदीयों से सफलता प्राप्त होगी।

शनि कष्ट मुक्ति के लिये क्या करें
शनि महाराज आपकी राशि का स्वामी है इसीलिए आपके किसी भी कार्य मे रुकावट नही  डालेंगे, कर्मक्षेत्र मे आ रही रूकावटों को धैर्य से हल करें, पीपल के पेड़ की सेवा करें, काल भैरव के मंदिर मे चौमुखा दीपक लगाये, सुंदरकांड का पाठ करें, शनि ग्रह के वैदिक मन्त्रों का जप करवाकर शांति कराये।

राहु केतु इस समय लग्न और सप्तम भाव मे आ चुके है, राहु सप्तम स्थान मे जीवनसाथी साझीदारी से जुड़ी तकलीफ दे सकता है। इनकी समस्याओं को समझे तथा सोचसमझकर निर्णय लें, कोई वैवाहिक सम्बंध होकर टूट भी सकता है। लग्न का केतु बुद्धि भ्रम, शारीरिक कष्ट तथा भटकाव का संकेत देता है, कीडे, मकोडे, विषैले जीव के काटने पर लापरवाही न बरतें।

राहु शांति के उपाय
राहु ग्रह के जाप कराये, किसी सफाईकर्मी को कुछ पैसा देते रहे तो लाभ होगा, कालभैरव की पूजा करें, राहु ग्रह के मन्त्रों की वैदिक शांति कराये। 

केतु इस समय आपके लग्न स्थान मे भ्रमण कर रहा है, शारीरिक तकलीफ के योग, शल्य चिकित्सा(ऑपरेशन) का विकल्प बहुत कठिन स्थिति मे चुने, ध्यान साधना आपको अच्छॆ परिणाम देंगी।

केतु ग्रह शांति के उपाय
आर्थिक क्षेत्र मे सोच समझकर कार्य करें, केतु ग्रह की शांति जप और हवन कराये, भगवान गणेश का पूजन करें, कुत्तों को रोटी दे।

महिलाओं के लिये
यह वर्ष इस राशि की महिलाओ के लिये मिश्रित फल देने वाला है। मांगलिक कार्यों के अवरोध के योग बनेंगे, आप अविवाहित है तो विवाह के योग बनकर फ़िर ख़त्म हो सकते है,इसीलिये अति आत्म विश्वाष मे काम न करें,प्रेम सम्बंधों मे दरार,मतभेद हो सकते है,इसीलिये सोच समझकर कर कार्य करे,वैवाहिक सम्बन्ध के लिये यह वर्ष ठीक नही, नौकरी,व्यापार मे भी आकस्मिक नुकसान का योग बन सकता है किसी निवेश आदि से दूर रहें,सोचसमझकर सतर्कता से काम करे,अंधबिश्वास हानिकारक हो सकता है।

व्यापारी वर्ग
इस राशि के लिये वर्ष मिश्रित सफलतादायक रहेगा, इस वर्ष आपको थोड़ी आर्थिक परेशानी हो सकती है वित्तीय स्थिति डांवाडोल रहेगी, आर्थिक क्षेत्र मे सावधानी बरतें, नवीन व्यापार निवेश आदि के लिये समय ठीक नही संभालकर खर्च करेंगे तो लाभ की स्थिति रहेगी, बाहरी क्षेत्र के व्यापार से भाग्यवर्धक सफलता प्राप्त होगी दूर के व्यापारियों से मदद मिलेगी ,यात्रा फलित होगी,नवीन कार्यों का विस्तार होगा,साझीदारी से जुड़े कार्यों से दूर रहें।

कर्मचारी वर्ग
इस वर्ग के लिये यह वर्ष थोड़ा कष्टकारी रहेगा, जिम्मेदारी और काम का बोझ मे वृद्धि होगी, विवादों दूर रहें, कोर्ट कचहरी के कार्यों मे समय व्यतीत होगा षडयंत्र आदि से सावधान रहें, आप किसी प्रकरण मे उलझ भी सकते है, इस वर्ष आपकी भागदौड़ अधिक होगी, व्यर्थ की जिम्मेदारी से बच सके तो अच्छी बात है, वरना लेने के देने पड़ सकते है।

विद्यार्थी वर्ग
इस वर्ष आपको भ्रम की स्थिति से बचना होगा, खुद पर भरोसा करना पड़ेगा, व्यर्थ की यात्रा आदि से बचें तो लाभ होगा, विशेष मेहनत करना पड़ेगी, एकाग्रता के लिये ध्यान करें जो आपको विवेकपूर्ण निर्णय लेने मे मदद करेगा, मेहनत से अनुकुल परिणाम प्राप्त होंगे, प्रतियोगिता परीक्षा से चयन मे संघर्ष के बाद सफलता का योग, इस वर्ष नौकरी, रोजगार के लिये दी गई परीक्षा मे आपको भाग्य से विशेष मदद मिलेगी, पराक्रमेस गुरु की राज्य भाव मे स्थिति गुरुजनों से मदद के संकेत दे रहा है। आलस्य, विलासिता, प्रेम सम्बन्ध आदि मे इस वर्ष संयम बरतें, यदि इस वर्ष आप बेहतरीन परिणाम चाहते है तो एकाग्रचित्त रहें और कड़ी मेहनत करें।

स्वास्थ्य
इस वर्ष स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको सामान्य दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, सरदर्द, जोडो मे दर्द गुप्त रोग से पीडा, गलत जांच और गलत चिकित्सा से स्वास्थ्य हानि हो सकती है इसीलिये विशेष सावधानी बरतें, गुप्त रोग आदि से सावधानी बरतें, छ्ठे स्थान मे शनि की दृष्टि अंततः आपको निरोग रखेगी।

वास्तु और दिशा
इस राशि के लिये दक्षिण पश्चिम दिशा शुभ होती है। खासकर इस वर्ष इस दिशा मे यात्रा आदि आपको बेहतरीन परिणाम दे सकती है। दक्षिण पश्चिम दिशा में जाकर किया गय़ा कार्य अच्छे परिणाम देगा। उत्तर दिशा आपके लिये अशुभ है। इसीलिये इस दिशा मे यात्रा आपके लिये कष्टप्रद व हानिकारक हो सकती है।

पूजा पाठ, इष्ट आराधना
आपके इष्ट देवी मां भगवती तथा कालभैरव है इनकी सेवा से आपके सभी मनोरथ सिद्ध होंगे, शनि राहु केतु जनित कष्टों से बचने के लिये आपको कालभैरव की पूजा करनी चाहिये।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
9893280184,7000460931
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