
परिजन आदिवासी टोले के लोग महिला की मौत भूख से होना बता रहे हैं, लेकिन प्रशासन इसे सिरे से नकार रहा है। कलेक्टर का कहना है कि जांच के बाद वस्तुस्थिति सामने आएगी। छीपोन गांव के आदिवासी टोले में टूटी फूटी कच्ची झोपड़ी में रहने वाली 70 वर्षीय आदिवासी महिला नन्हीं बाई पिछले एक वर्ष से अकेली रहकर किसी तरह अपना भरण-पोषण कर रही थी। घर के हालात और गरीबी के चलते इसके दोनों बेटे अपने परिवार सहित मजदूरी के लिए दिल्ली चले गए थे।
अकेली बुजुर्ग महिला को परिजन इस आशा से घर पर छोड़कर गए थे कि उसे गुजर बसर के लिए विधवा पेंशन का सहारा है, लेकिन प्रशासन के गैर जिम्मेदाराना सिस्टम के चलते अचानक पिछले दो साल से उसकी पेंशन बंद हो गई और बुजुर्ग महिला दाने-दाने को मोहताज हो गई।
डॉक्टरों ने भगा दिया
भूख के कारण बीमार हुई महिला को ग्रामीण अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे भगा दिया। परिजन अपनी गुहार लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां एडीएम सियाराम अहिरवार की मदद से उसे अस्पताल में भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन अगले ही दिन उसे वहां से भगा दिया। मजबूरन परिजन गंभीर रूप से बीमार भूखी प्यासी मां को लेकर वापस गांव लौट गए। भूख और इलाज ना होने के कारण बुरी तरह टूटी नन्हीं बाई ने सिस्टम से हार मानते हुए दम तोड़ दिया।
कांग्रेस ने बनाई जांच समिति
भोपाल। टीकमगढ़ जिले के छीपोन गांव के आदिवासी टोले में रहने वाली 70 वर्षीय आदिवासी महिला नन्हीं वाई की भूख के कारण मौत हो जाने का मामला उजागर हुआ है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अरूण यादव के निर्देश पर उक्त घटना की निष्पक्ष जांच हेतु प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक जांच समिति गठित की है, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री श्री प्रभुसिंह ठाकुर, विधायक श्रीमती चंदादेवी गौड़, पूर्व जिला अध्यक्ष रविन्द्र अर्ध्युव, पूर्व विधायक श्री वृदावन अहिरवार को जांच समिति में शामिल किया गया है। प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी महामंत्री श्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी ने समिति के सदस्यों से शीघ्र ही घटना स्थल पर पहुंचकर वस्तुस्थिति की जांच कर प्रतिवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी केा प्रेषित करने का आग्रह किया है।