लवजिहाद: हादिया का तो एडमिशन ही नहीं, हिंदू नाम से पढ़ेगी | NATIONAL NEWS

Bhopal Samachar
कोयंबटूर/सलेम। कथित लव जिहाद को लेकर चर्चा में आयी केरल की महिला अपने हिंदू नाम ‘‘अखिला अशोकन’’ के साथ ही आगे की पढ़ाई करती रहेगी। महिला के कॉलेज के प्राचार्य ने मंगलवार (28 नवंबर) को कहा कि वह अखिला अशोकन नाम से पढ़ाई करती रहेगी। इस बीच हदिया (महिला का मुस्लिम नाम) कड़ी सुरक्षा के बीच सलेम जाने के क्रम में यहां कोयंबटूर पहुंची। वह उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई जारी रखेगी। कोयंबटूर हवाई अड्डे पर उसे मीडिया से बातचीत करने की अनुमति नहीं दी गयी।

केरल पुलिस के साथ वह सड़क मार्ग से सलेम में शिवराज मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हो गयी। वह वहां 11 महीने की होम्योपैथी इंटर्नशिप करेगी. कॉलेज के प्राचार्य जी कन्नन ने कहा कि हदिया के साथ छात्रावास में रहने वाली अन्य छात्राओं जैसा व्यवहार किया जाएगा और उनके साथ कोई विशेष व्यवहार नहीं किया जाएगा. उन्होंने सलेम में संवाददाताओं से कहा कि कॉलेज में उसका नाम अखिला अशोकन होगा. उधर पुलिस ने कहा है कि महिला को उचित सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने ‘लव जिहाद’ की कथित पीड़िता केरल की एक महिला हदिया को बीते 27 नवंबर को उसके माता-पिता के संरक्षण से मुक्त कर दिया था और उसे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए तमिलनाडु के सलेम भेज दिया. हदिया ने मांग की कि उसे उसके पति के साथ जाने दिया जाए. खुली अदालत में काफी देर तक चली कार्यवाही के बाद शीर्ष न्यायालय ने हदिया की यह अर्जी नहीं मानी कि उसे उसके पति के साथ जाने दिया जाए. उसने न्यायालय से यह भी कहा कि उसे जीने और इस्लामिक आस्था का पालन करने की ‘आजादी’ चाहिए.

हदिया के पिता, जो बंद कमरे में सुनवाई चाहते थे, की इच्छा के खिलाफ खुली अदालत में करीब डेढ़ घंटे तक 25 साल की हदिया से बात करने वाले शीर्ष न्यायालय ने केरल पुलिस को निर्देश दिया कि उसे सुरक्षा मुहैया कराए और सुनिश्चित करे कि वह जल्द से जल्द सलेम जाकर वहां के शिवराज मेडिकल कॉलेज में होम्योपैथी की पढ़ाई करे.

पीठ ने अंग्रेजी में सवाल किए थे, जबकि हदिया ने मलयालम में जवाब दिए. हदिया के जवाब का अनुवाद केरल सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील वी. गिरि ने किया था. करीब ढाई घंटे तक चली सुनवाई के दौरान हदिया के माता-पिता, उसके सास-ससुर और उसके पति खचाखच भरी अदालत में मौजूद थे.

पीठ ने हदिया के लक्ष्यों, जीवन, पढ़ाई और शौक के बारे में सवाल किए, जिसका उसे सहज होकर जवाब दिया और कहा कि वह हाउस सर्जनशिप की इंटर्नशिप करना चाहती है और अपने पांव पर खड़े होना चाहती है. हाउस सर्जनशिप 11 महीने का कोर्स है. न्यायालय ने कॉलेज एवं यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वह हदिया का फिर से दाखिला ले और उसे छात्रावास सुविधाएं मुहैया कराए. 
(इनपुट एजेंसी से भी)
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