वॉशिंगटन। अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि नरेंद्र मोदी भारत में इतने लोकप्रिय कैसे हो गए। बता दें कि मोदी भारत के सबसे तेजी से लोकप्रिय हुए नेताओं की केटेगरी में सबसे ऊपर आ गए हैं। रिसर्च उनके ट्वीटर अकाउंट पर की गई। ट्विटर पर मोदी के 36 मिलियन फॉलोअर हैं।यूनिवर्सिटी ने मोदी के छह साल में किए गए 9 हजार ट्वीट्स पर स्टडी की है। इसमें बताया गया है कि वो किस तरह से अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करते हैं।
मोदी ट्विटर पर मशहूर क्यों?
मिशिगन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इन्फॉर्मेशन ने मोदी के ट्वीट्स पर यह स्टडी की है जो इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कम्युनिकेशन ने पब्लिश की है। इस दौरान मोदी के 9 हजार पर रिसर्च कर उनका नेचर देखा गया। मोदी ने यह ट्वीट्स 6 साल के दौरान किए हैं। रिसर्च ग्रुप के हेड जॉयजीत पाॅल ने कहा- हमने ये देखने और बताने की कोशिश की है कि मोदी क्यों इतने पॉपुलर हुए। मोदी की पर्सनैलिटी और सियासत के उनके अलग अंदाज की वजह से ही उनके ट्वीट्स को बड़ी तादाद में रिट्वीट किया जाता है।
9 कैटेगरी के ट्वीट
यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि रिसर्च टीम ने मोदी के ट्वीट्स को 9 बड़ी कैटेगरीज में बांटकर स्टडी की। इन 9 कैटेगरीज में क्रिकेट, राहुल गांधी, एंटरटेनमेंट, व्यंग्य, करप्शन, डेवलपमेंट, फॉरेन अफेयर्स, हिंदुत्व और साइंस-टेक्नोलॉजी शामिल हैं।
रिसर्च में पाया गया कि जिन ट्वीट्स में व्यंग्य या तंज का इस्तेमाल किया गया वो इलेक्शन के आस-पास के दौर के हैं। इनमें से ज्यादातर 2014 के आम चुनाव के दौरान किए गए। इनमें कांग्रेस को करप्ट बताया गया जबकि राहुल गांधी को राहुल बाबा और शाहजादा कहा गया। मजाकिया और व्यंग्य के अंदाज में मोदी ने यह बताया कि कांग्रेस जमीनी हकीकत से दूर है और उसके खुद के फॉलोवर ही इसका मजाक उड़ा रहे हैं।
इलेक्शन के बाद अंदाज बदला
रिसर्च के मुताबिक, मोदी ने जो व्यंग्य का अंदाज चुना वो बाद में परंपरा की तरह हो गया और रैलियों में भी इसका इस्तेमाल किया जाने लगा। हालांकि, चुनाव के बाद व्यंग्य और राहुल गांधी का जिक्र गायब हो गया। इसकी जगह सेलेब्रिटीज का बातों का जिक्र और फॉरेन पॉलिसी का इस्तेमाल बढ़ गया। हिंदुत्व की जगह मोदी सेक्युलर ज्यादा नजर आने लगे।