मप्र आबकारी घोटाला: सेल्समैन करोड़ों की संपत्ति का मालिक निकला | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश के आबकारी विभाग में हुए 41.40 करोड़ रुपये के चालान घोटाले में प्रमुख आरोपी राजू दशवंत से इन दिनों पुलिस पूछताछ कर रही है। पुलिस का दावा है कि आरोपी के पास 35 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति की है जबकि कुछ समय पहले तक वो एक शराब की दुकान पर सेल्समैन का काम करता था। इस मामले का प्रमुख आरोपी अंश त्रिवेदी फिलहाल फरार है। दशवंत ने कुछ समय पहले ही सरेंडर किया है। 

घोटाले की छानबीन के लिये गठित विशेष जांच दल के प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) सम्पत उपाध्याय ने बताया कि मामले के प्रमुख आरोपी राजू दशवंत की मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में करीब 35 करोड़ रुपये की सम्पत्ति होने के बारे में जानकारी मिली है। इसमें इंदौर, अमरावती और अकोला में भूखंड, मकान और फ्लैट शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस दशवंत की संपत्तियों के बारे में मिले सुरागों की तस्दीक कर रही है। तस्दीक के बाद इन सम्पत्तियों को कुर्क किये जाने के लिये स्थानीय अदालत में अर्जी पेश की जायेगी। 

उपाध्याय ने बताया कि दशवंत एक शराब ठेके पर वर्ष 2014 में सेल्समैन की नौकरी कर 12,500 रुपये महीने की पगार पाता था। आबकारी चालान घोटाले के अन्य प्रमुख आरोपी अंश त्रिवेदी की मिलीभगत से उसने और कुछ अन्य ठेकेदारों ने इंदौर जिले के 16 शराब ठेकों के संबंध में बड़ी रकम के घोटाले को अंजाम दिया। त्रिवेदी फिलहाल फरार है।

एसआईटी प्रमुख ने बताया कि आरोपियों ने शराब ठेका नीलामी की राशि की किश्तों के भुगतान और मदिरा का कोटा खरीदने के लिये पिछले दो सालों के दौरान बैंकों में निश्चित रकम से कम के चालान जमा कराये लेकिन इनकी प्रतियों में पेन से हेर-फेर कर आबकारी विभाग को गलत सूचना दी कि उन्होंने बैंकों में तय राशि जमा करायी है।

सिलसिलेवार फर्जीवाड़े से सरकारी खजाने को कुल 41.40 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा। दशवंत ने 26 नवंबर की सुबह यहां रावजी बाजार थाने में आत्मसमर्पण कर दिया था। वह एक स्थानीय अदालत के आदेश के मुताबिक चार दिसंबर तक पुलिस हिरासत में है।
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