
जानकारी के अनुसार चिरायु में बिहार व यूपी के प्रथम वर्ष, द्वितीय और तृतीय वर्ष में अध्ययनरत काफी छात्रों को अपने कॉलेज में प्रवेश दे रखा था। इसी में एक छात्र बिहार के रहने वाले विवेक यादव ने सीबीआई को बयान दिया है कि चिरायु मेडिकल कॉलेज में सीट को ब्लॉक करने के लिए उसको डेढ़ लाख रुपए दिए गए थे। उसने अपनी एक सीट खाली की थी। जिसको बाद में 60 लाख में बेचा गया। सीबीआई ने चार्जशीट में बताया है कि 2012 मेडिकल प्रवेश की पहली काउंसलिंग के दौरान चिकित्सा शिक्षा के अफसरों ने चिरायु के संबंधित कर्मचारियों से पूछा था कि कितनी सीट खाली हैं तो बताया गया था कि 9 सीट खाली है। जबकि उस समय 50 सीट खाली थी। यह झूठ अजय गोयनका के कहने पर चिरायु के कर्मचारी ने चिकित्सा विभाग के अफसरों को दिया था।
बिना विज्ञापन छपवाए कर दी दूसरे चरण की काउंसलिंग
सीबीआई ने इस बात का भी जिक्र किया है कि किस तरह से बची सीटों पर इन प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने सीटों को बेचा। दूसरे चरण की बची सीटों के होने वाली काउंसलिंग में विज्ञापन छपवाना जरूरी था, लेकिन बिना विज्ञापन के ऐसा किया गया। जिससे कॉलेजों की सीटों को छात्रों को 50 लाख से एक करोड़ में बेचा गया। इसी तरह से नकल माफियाओं ने 700 रोल नंबर में छेड़खानी कर रकम मिलने के बाद उनको नकली भी करवाई गई।