
रेंजर मोनिका ठाकुर के मुताबिक, 20 नवंबर की रात बीट गार्ड ने करमसी गांव में रेंज की जमीन पर हल चलाकर बोवनी करने की सूचना दी। जानकारी लगने पर जब हम बुधवार को वहां पहुंचे तो सतीश शर्मा, रामजीलाल शर्मा और रामनिवास शर्मा बोवनी करने पानी देने का प्रयास कर रहा। हमारे पहुंचने पर इनको लगा कि ये पंप आदि जब्त कर ले जाएंगे। जब हम खेत के फोटो ले रहे थे तभी तीनों कुएं के साइड में रखे इंजन को कुएं में धकेलने लगे।
चौकीदार ने बचाया
मैंने जब इनको रोका तो मुझे भी कुएं में धक्का दे दिया। इंजन तो नहीं गिरा लेकिन पाइप सहित अन्य सामान गिरने से दाएं पैर में चोट आई वहीं डूबने के कारण कुआं का मटमैला पानी भी मुंह में भर गया। मुझे तैरना नहीं आता है। इस दौरान वहां मौजूद एक चौकीदार ने कुएं में छलांग लगाकर मुझे कुएं में वहां खड़ा किया जहां पानी कम था। बाद में गार्डों ने मुझे बाहर निकालकर 100 डायल पर सूचना दी। मेरी ऊंचाई 5 फीट 2 इंच है जबकि कुएं में 6 फीट पानी भरा था। अगर इस दौरान चौकीदार कूद कर साइड में नहीं करता तो मैं डूब जाती।