
मामला शनिवार शाम का है। पुरानी दिल्ली से प्रतापगढ़ जाने वाली पद्मावत एक्सप्रेस (14207) निर्धारित समय सुबह 6:45 बजे की जगह शाम 5:50 बजे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या 10 पर पहुंची। यहां से यही ट्रेन फैजाबाद एक्सप्रेस (14206) बनकर शाम 4:50 बजे पूर्व निर्धारित समय के मुताबिक जाना था। लिहाजा इसे पुरानी दिल्ली से चलाने का निर्धारित समय शाम 4:50 बजे की जगह रात 8:35 बजे किया गया। जिसकी घोषणा शाम 5:20 बजे से शुरू कर दी गई थी।
ट्रेन जब प्लेटफॉर्म पर प्रतापगढ से आई, तब सभी यात्री यह समझ कर सवार हो गए कि ट्रेन यहीं से रवाना होगी। बाद में आरपीएफ ने सभी यात्रियों को ट्रेन से उतार दिया ताकि यह ट्रेन पहले वाशिंग लाइन जाएगी। लेकिन राजेश अग्रवाल की पत्नी और उनका नौकर अनजाने में अपने निर्धारित कोच A-1 कोच में बैठी रह गए। किसी ने उन पर ध्यान नहीं दिया।
ट्रेन वाशिंग लाइन में सेकेंडरी मैंटनेंस के लिए भेज दी गई। जहां ट्रेन के अंदर लाइट, पंखा, एसी सभी बंद कर दिए गए। ऐसे में उस महिला यात्री की तबियत खराब होने लगी। उन्होंने वाशिंग लाइन में ट्रेन की सफाई कर रहे स्टाफ से पंखा चलाने के लिए कहा, तो सभी ने यह कहकर मना कर दिया कि अब प्लेटफार्म पर पहुंचने के बाद ही कुछ होगा।
उन्होंने रेलवे में शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। आखिरकार उन्होंने अपने पति राजेश अग्रवाल को घटना की जानकारी दी, तब रेलवे का पूरा महकमा हरकत में आया और टीटीई समेत आरपीएफ और अन्य रेलकर्मी वाशिंग लाइन पहुंचे और उन्हें लेकर आए। बाद में उन्हें उसी ट्रेन से रवाना किया गया। हैरानी की बात है कि इस बड़ी लापरवाही में भी महिला की जगह एक बच्ची के वाशिंग लाइन में होने की शिकायत रेल महकमे में पहुंची थी।