एक ही वर्ग का जज और ड्राइवर समान कैसे: सुप्रीम कोर्ट @ प्रमोशन में आरक्षण | KARMACHARI NEWS

भोपाल। प्रमोशन में आरक्षण मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। न्यायाधीश ने सरकारी वकील से पूछा कि एक ही वर्ग के जज और उसके ड्राइवर में कैसे समानता है। सरकार ने दलील दी थी कि अनुसूचित जाति/जनजाति जन्म से पिछड़े होते है, चाहे वह पीढि़यों से लाभ ले रहे हों एवं पीढि़यों तक लाभ लेते रहें, वे सर्वश्रेष्ठ औहदों पर आकर भी पिछडे़ ही रहेंगे। यह जानकारी राजीव खरे, प्रांतीय सचिव सपॉक्स ने दी। 

दिनांक 14.11.2017 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय की युगल पीठ द्वारा मध्यप्रदेश, त्रिपुरा और बिहार के पदोन्नति में आरक्षण के प्रकरण को एम. नागराज प्रकरण के 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ के निर्णय के एक बिन्दु ‘क्रीमीलेयर‘ पर संवैधानिक स्पष्टीकरण के लिये 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ को विचार करने के लिये रिफर किया। इस निर्णय पर अंतिम निर्णय माननीय मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय को लेना है। 

इस संबंध में बहस के दौरान माननीय न्यायाधीश द्वारा स्वयं यह पूछा जाना कि एक ही वर्ग के जज और उसके ड्राइवर में कैसे समानता है ? यह स्पष्ट करता है कि इस बिन्दु पर बैंच की स्वयं की अपनी आशंकायें थी। म.प्र. शासन विगत डेढ़ वर्षों से प्रकरण में मात्र और मात्र समय मांगता रहा और अंततः जब कोई अन्य रास्ता नहीं बचा तब यह कहानी शुरू की गई कि अनुसूचित जाति/जनजाति जन्म से पिछड़े होते है, चाहे वह पीढि़यों से लाभ ले रहे हों एवं पीढि़यों तक लाभ लेते रहें, वे सर्वश्रेष्ठ औहदों पर आकर भी पिछडे़ ही रहेंगे। 

यह आसान सा प्रश्न है कि एक ही वर्ग में खडे़ हो चुके अभिजात्य वर्ग से क्या उसी वर्ग का वंचित तबका प्रतियोगिता कर सकता है। मात्र कुछ सक्षम लोग न सिर्फ सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग का हक मार रहें है, बल्कि अपने ही वर्ग को साजिश के तहत वंचित रखे हुए है। इसे न सरकारें या राजनैतिक दल समझ रहें है और न वह तबका जो वास्तविक वंचित है और जिसे निज स्वार्थों के लिये ढाल बनाकर खड़ा किया जाता है। 

सपॉक्स इस संघर्ष को अंतिम निराकरण तक लड़ने के लिये दृढ़संकल्पित है। अब हम न सिर्फ समान्य, पिछड़ा व अल्पसंख्यक समाज बल्कि वंचित अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग को भी इस षडयंत्र के खिलाफ जागरूक करेंगे। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। न्याय में देर हो सकती है, अंधेर नहीं। हमे इस देश के संविधान एवं सर्वोच्च न्यायालय पर पूरी आस्था एवं विश्वास है।

भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!