
सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसी महीने आयोग 250 से अधिक पदों के लिए वैकेंसी निकालने जा रहा है। आयोग के एक वरिष्ठ सदस्य ने भास्कर को बताया कि यह संशोधन केवल प्रिलिम्स के लिए होगा। और 2017 के मेंस में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि सी-सैट में बदलाव पूरे देश में किया जा चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अभी तक इसमें बदलाव नहीं किया गया था। इससे पीएससी देने वाले करीब 90 हजार से अधिक अभ्यार्थियों को नुकसान होता रहा है।
छत्तीसगढ़ में सी-सैट का पैटर्न साल 2012 में पहली बार लागू किया गया था। जिसके बाद सामान्य ज्ञान के साथ-साथ सी-सैट का नंबर भी मेंस में जोड़ा जाने लगा। दोनों प्रश्न पत्र 100-100 नंबर के होते हैं। कुछ छात्र इसका इस दावे के साथ विरोध कर रहे थे कि गणित-विज्ञान वाले छात्रों को पीएससी में लगातार फायदा हो रहा है, क्योंकि उन्हें दोनों सबजेक्ट का फायदा मिलता है, जो वो साथ-साथ पढ़ते हैं, जबकि आर्ट्स व कामर्स के साथ ऐसा नहीं हो रहा है। लिहाजा इस बार मेंस के सात सबजेक्ट को छह सबजेक्ट करने का प्रस्ताव पर फैसला नहीं आ सकता है।
विरोध के पीछे कोचिंग वालों की रणनीति
आयोग के सूत्रों का कहना है कि सी सेट का विरोध कोचिंग सेंटर वालों की सोची समझी रणनीति रही है। पिछले 3-4 सालों में इन सेंटर्स से पास आउट होने वालों की संख्या घट रही थी, इससे उनकी रैंकिंग और एडमिशन प्रभावित हो रहा था। इसे देखते हुए उन्होंने कुछ सामजिक संगठनों और अभ्यर्थियों को आगे किया। आयोग के पदाधिकारियों का कहना है कि साइंस और मैथ्स से पास आउट लोग यूपीएससी में हिस्ट्री, फिलासफी जैसे सबजेक्ट लेकर भी चयनित होते रहे हैं। इस मामले की सोशल एक्टिविस्ट डॉ. विजय शंकर मिश्रा ने एनएचआरसी और राष्ट्रीय एसटी कमीशन से भी शिकायत कर सी सेट खत्म करने की मांग की थी।