
इस सर्कूलर के अनुसार 2015 से यह टाइम लिमिट लागू होगी. मतलब जो STUDENTS साल 2015 में और उसके बाद बोर्ड दे चुकें हैं वह नाम और डेथ ऑफ बर्थ बदलवा सकते हैं. ये फैसला सिर्फ 10वीं और 12वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंटस के लिए लिया गया है. नई व्यवस्था के अनुसार स्टूडेंट्स अपने साथ माता- पिता की डेथ ऑफ बर्थ में भी सुधार कर सकते हैं.
सीबीएसई का ये फैसला उन स्टूडेंट्स को राहत देने वाला है जो लंबे समय से अपना नाम और डेथ ऑफ बर्थ बदलना चाहते हैं. वहीं बोर्ड की ओर से ये बदली हुई समय सीमा, अब तक बोर्ड को मिले मामलों, कोर्ट में चल रहे पेंडिंग केस में भी लागू होगा.