पुलिस ने संविदा कर्मचारियों का दांडी मार्च रोका

भोपाल। संविदा कर्मचारियों को नियिमत किए जाने, हटाये गये संविदा कर्मचारियों को सेवा से वापस लिये जाने, समान कार्य समान वेतन दिये जाने के लिए न्यूमार्केट जीटीबी काम्पलैक्स स्थित झलकारी बाई की प्रतिमा स्थल से दाण्डी मार्च निकालकर संविदा कर्मचारी अधिकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देने जा रहे तुलसी का पौधा, गुलाब का फूल, संविदा कर्मचारियों का ज्ञापन और मुख्यमंत्री की राहों में बिछाने जा रहे गुलाब की पंखड़ियों को पुलिस प्रशासन ने रास्ते में रोक कर मुख्यमंत्री निवास तक नहीं जाने दिया और रोक लिया। 

इस पर संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदे​श अध्यक्ष रमेश राठौर सहित सभी कर्मचारियों ने विरोध किया और कहा है कि हम मुख्यमंत्री के लिए कोई कांटे थोड़ी लेकर जा रहे हैं हम तो गांधी वादी तरीके से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को तुलसी का पौधा, गुलाब का फूल लेकर उनको संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए ज्ञापन देने जा रहे हैं और ज्ञापन देकर उनकी राहों में गुलाब की पंखुड़ियां बिछायेंगें हमको जाने दिया जाए। हम तो अहिंसा के रास्ते पर चल रहे हैं लेकिन पुलिस प्रशासन ने अनुमति नहीं होने का हवाला देकर जाने से मना कर दिया। 

इस पर संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि हम विगत दस वर्षो से मुख्यमंत्री महोदय से मिलने का समय और ज्ञापन देने के लिए समय मांग रहे हैं और एक माह पहले भी तीन बार समय मांग चुके हैं यदि वो मिलने का समय नहीं दे रहे तो हम क्या करें और हम उनकी प्रजा है तो हमे जाने दिया जाए लेकिन पुलिस प्रशासन नहीं माना तो महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष रमेश राठौर ने निवेदन किया कि तुलसी जी का अनादर नहीं किया जाए । तुलसी जी को, गुलाब के फूल को और हमारे ज्ञापन और हमारी भावनाओं को मुख्यमंत्री षिवराज  सिंह चैहान तक पहुंचा दिया जाए । और हम दस दिवस तक दाण्डी यात्रा हम रोज निकालेंगें और मुख्यमंत्री जी को कल राम परिवार, गुलाब का फूल, ज्ञापन देने के लिए दाण्डी यात्रा निकालेंगें।

क्यों आक्रोशित हैं संविदा कर्मचारी अधिकारी
गौरतलब है कि म.प्र के ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी सरकार की उस दोहरी नीति का विरोध कर रहे हैं जिसमें म.प्र. सरकार ने 200 दिन घंटों के हिसाब से पढ़ाने वाले अतिथि षिक्षकों को नियमित करने के लिए नीति बना दी है, संरपचों के द्वारा नियुक्त किए गये, गुरूजी, पंचायत कर्मी, षिक्षाकर्मीयों को नियमित कर दिया है लेकिन विधिवत् चयन परीक्षा के माध्यम् से चयनित होकर आए संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया है जिससे प्रदेष के ढाई लाख संविदा कर्मचारी अधिकारी आक्रोषित हैं और की मांगों लेकर संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के तत्वाधान में चरणबद्ध आंदोलन कर रहे है। चरणबद्व आंदोलन के पहले चरण  में 1 नवम्बर से काली पट्टी बांधकर आंदोलन किया , दूसरे चरण में 5 नवम्बर को एक दिवसीय धरना दिया था, तीसरे चरण में संविदा कर्मचारी अधिकारी दाण्डी यात्रा निकाल रहे हैं । चैथे चरण में पूरे प्रदेष में घन्टी और शंख बजाकर प्रदेष सरकार को जगाने का कार्य करेंगें ।

ये संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
(1) प्रदेष के सभी विभागों और परियोजनाओं, निगम मण्डलों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए। विभागों में नियमित रिक्त पदों पर संविलयन किया जाए ।
(2) विभिन्न विभागों से जिन संविदा कर्मचारियों को हटा दिया गया है उन संविदा कर्मचारियों को पुनः सेवा में लिया जाए ।
(3) समान कार्य समान वेतन दिया जाए।
(4) जिन संविदा कर्मचारियों को संविदा से आऊट सोर्सिंग कर दिया है उनको वापस संविदा पर विभाग में लिया जाए।

दाण्डी यात्रा में निम्न कर्मचारी नेता शामिल हुये
मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष रमेष राठौर, देवेन्द्र उपाध्याय, प्रषांत तिवारी, अनूप पटेल, अवधेष दीक्षित, संतोष साहू, लक्ष्मण सिंह, संतोष मालवीय, चंद्रेष सक्सेना, राहुल जैन, जी.एस.अहिरवार, अमर सिंह जाटव, अमित कुल्हार, योगेष ढोके, मनोज सक्सेना, विजय ठक्कर, राजेष रजक, गोपाल दुबे, जुगराज प्रजापति, उमेष शर्मा, लखन मेवाड़ा, रविन्द्र श्रीवास्तव, नीरज व्यास, सतीष सोनी, लीलाधर अहिरवार, राषिद खान, माखन सिंह अहिरवार मनीष चैधरी आदि कर्मचारी नेता शामिल थे।

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