AMU के प्रोफेसर ने बेगम को वाट्सएप पर भेजा 3 तलाक, सुप्रीम कोर्ट की अवमानना

एक साथ तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है लेकिन मुस्लिम समाज में ऐसे भी कुछ लोग हैं जो इसका अभी भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर ने अपनी पत्नी को व्हाट्सऐप के जरिए तलाक दे दिया. पीड़ित पत्नी अब मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक इंसाफ की गुहार लगा रही है. सवाल ये है कि कब तीन तलाक से महिलाएं आजाद होंगी और कानून कब ऐसे लोगों का इलाज करेगा.

तीन तलाक की शिकार महिला अब तक सदमे में है. 23 साल पुरानी शादी व्हाट्सऐप पर तलाक के तीन लफ्जों के आगे टूट गई. महिला का शौहर कोई मामूली शख्स नहीं बल्कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के चेयरमैन हैं. रिश्तों में मारपीट-लड़ाई झगड़े की कहानी तो पुरानी थी, लेकिन अब तलाक ने इस परिवार को बिखेर कर रख दिया है.

शौहर बीवी के रिश्तों की फाइलें पुलिस से लेकर महिला थाने तक घूमती रही है. कई दफा प्रोफेसर को पुलिस ने तलब भी किया लेकिन वो नहीं आए और आया तो तलाक का परवाना. मसला घरेलू विवाद की शक्ल में पुलिस तक पहुंचा था, लेकिन अब पत्नी का कहना है कि इंसाफ नहीं मिला तो वो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक शिकायत करेंगी.

अलीगढ़ के एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने कहा कि पुलिस को मामले की जानकारी है. इस बात की जांच की जा रही है कि कौन सी धारा लगाई जाए. व्हाट्सऐप और मोबाइल पर तीन तलाक की घटना ने अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में हड़कंप मचा दिया है.

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