भोपाल। यूपीएससी की तैयारी कर रही छात्रा के गैंगरेप के मामले में पुलिस ने भले ही असंवेदनशीलता का परिचय दिया हो परंतु भोपाल के वकीलों ने संवेदनशील कदम उठाया है। भोपाल का कोई भी वकील आरोपियों की पैरवी करने के लिए तैयार नहीं है। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश व्यास ने ऐलान किया है कि राजधानी का कोई भी वकील गैंगरेप के आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा। अध्यक्ष व्यास ने शनिवार को बार एसोसिएशन के फैसले की जानकारी देते हुए घटना की कड़ी निंदा भी की है।
क्या है मामला...!
राजधानी में प्रशासनिक परीक्षा की कोचिंग करने आई एक युवती को कुछ दरिंदों ने किडनैप करके 3 घंटे तक गैंगरेप किया। उसके कपड़े फाड़कर नाले में फैंक दिए और बेरहमी से मारपीट भी की गई। शर्मनाक घटनाक्रम में चौंकाने वाली बात तो यह रही कि 3 थानों की पुलिस मामले को टालती रही। जीआरपी टीआई ने तो इसे फर्जी फिल्मी स्टोरी करार देकर पीड़िता को भगा दिया। मामला तब दर्ज किया गया जब पीड़िता का पिता एक आरोपी को पकड़कर पुलिस के सामने ले आया।
तीन थाना प्रभारी और दो SI सस्पेंड, सीएसपी को भी हटाया
राजधानी को दहला देने वाली घटना में पुलिस की लापरवाही के चलते शिवराज सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी। इसी वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर तीन थाना प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया गया। वही एक सीएसपी को भी मुख्यालय अटैच करने के आदेश जारी हुए है।
इन पर हुई कार्रवाई
सीएसपी एमपी नगर कुलवंत सिंह को पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया।
एमपी नगर थाना TI संजय सिंह बैस सस्पेंड।
हबीबगंज थाना TI रविन्द्र यादव सस्पेंड।
हबीबगंज GRP थाना TI मोहित सक्सेना सस्पेंड।
एमपी नगर थाने के सब इंस्पेक्टर टेकराम को कल किया था सस्पेंड।
हबीबगंज GRP थाने के सब इंस्पेक्टर उइके सस्पेंड।
डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने गैंगरेप मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। डीआईजी महिला अपराध सुधीर लाड़ इस जांच टीम का नेतृत्व करेंगे।