
मामले की तफ्तीश करते हुए पुलिस नकली नोट खपाने वाले गिरोह की पतासाजी में जुट गई और नकली नोट लेकर सामान खरीदी करने गए युवक को धर दबोचा। उससे पूछताछ में पता चला कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मरवाही थाना क्षेत्र के बघर्रा होते हुए नकली नोट की आमद मध्यप्रदेश में हो रही है। जिसके बाद पुलिस ने पता लगाया और बघर्रा गांव के पारस यादव, रूपलाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इन दोनों युवकों से पूछताछ के बाद आगे की कड़ी अपने आप जुड़ने लगी। दोनों युवकों ने बताया कि बिलासपुर के रतनपुर सेमरा गांव निवासी भुजबल सिंह ने नकली नोट लाकर दिया था। फिर पुलिस ने दबीश देकर भुजबल सिंह को भी पकड़ा और उससे पूछताछ में नकली नोट बनाने का एक और चैनल जुड़ गया।
भुजबल ने पूछताछ में सरकंडा व सीपत क्षेत्र से जुड़े फरहदा निवासी अनिल शरण का नाम बताया। लिहाजा, पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया। अनिल शरण कम्प्यूटर की दुकान भी चलाता है। वह आधार कार्ड बनाने की आड़ में नकली नोट छापता था। उसके पास से स्कैनर, प्रिंटर व कम्यूटर आदि भी जब्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस को कुछ पता ही नहीं था
जिले में यह गोरखधंधा पिछले कई महीनों से चल रहा था। उसके बाद भी स्थानीय पुलिस इससे अनजान रही। बहरहाल इस नकली नोट बनाने और खपाने के मामले में मध्यप्रदेश के जैतहरी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है, तो वहीं नकली नोट का गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय था, पर स्थानीय पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी, जिससे एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली और मुखबिरी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।