
श्री शर्मा ने वह याचिका उनके पूर्व अधिवक्ता द्वारा अनाधिकृत तरीके से वापस लिए जाने का आरोप लगाते हुए नए सिरे से पुनरीक्षण याचिका के जरिए हाईकोर्ट की शरण ली गई है। इस पर राज्य शासन की ओर से साफ किया गया कि पूर्व में याचिका बाकायदे बहस के बाद वापस लेने का निवेदन किया गया था, जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज की थी। ऐसे में पुनरीक्षण याचिका का आधार नहीं बनता।
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में घोटाले और योगीराज के यहां छापों में मिले अकूत कालाधन के बाद उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं थीं। योगीराज के खिलाफ कुछ मामलों में जांच और फैसले अभी भी बाकी है। इधर सूत्र बताते हैं कि भोपाल और इंदौर के काले कारोबार में योगीराज का पैसा भी लगा हुआ है।