भोपाल गैंगरेप: 3 टीआई, 2 एसआई सस्पेंड, सीएसपी अटैच

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आईएएस की तैयारी कर ही छात्रा के साथ लगातार 3 घंटे तक चले गैंगरेप मामले में अंतत: एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही करने वाले 3 टीआई और 2 एसआई को सस्पेंड कर दिया गया जबकि सीएसपी एमपी नगर कुलवंत सिंह को पीएचक्यू अटैच कर दिया गया। इधर कांग्रेस समेत कई संगठनों ने इस मामले में पुलिस के खिलाफ दिनभर प्रदर्शन किए। महिला आयोग ने भी मामले डीजीपी से कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। यह फैसला सीएम शिवराज सिंह की इमरजेंसी मीटिंग के बाद लिया गया। बता दें कि इस मामले को जीआरपी टीआई ने फिल्मी कहानी करार दिया था। जब पीड़िता के पिता ने एक आरोपी को पकड़कर लाया तब कहीं जाकर 24 घंटे बाद मामला दर्ज किया गया। 

आईजी पुलिस मकरंद देवस्कर ने बताया, रिपोर्ट दर्ज करने में देरी को लेकर टीआई रवींद्र यादव (हबीबगंज), संजय सिंह बैस (एमपी नगर), मोहित सक्सेना (जीआरपी थाना) और दो एसआई को सस्पेंड किया गया है एवं सीएसपी एमपी नगर कुलवंत सिंह को हटाकर पीएचक्यू अटैच किया है। गैंगरेप मामले को लेकर शिवराज सिंह ने डीजीपी समेत आला पुलिस अफसरों की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी। सीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस को फौरन एक्शन लेना चाहिए। लापरवाही से काम करने वाले पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हो। रिपोर्ट दर्ज करने में 24 घंटे क्यों लगे इसका जवाब दिया जाए।

उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने मध्य प्रदेश के डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला से गैंगरेप केस में आरोपियों की गिरफ्तारी और रिपोर्ट दर्ज करने में लापरवाही बरतने वाले पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की डिटेल मंगी है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

क्या था घटनाक्रम 
पुलिस के मुताबिक, लड़की भोपाल के एमपी नगर इलाके में स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट से सिविल सर्विसेस (यूपीएससी) की तैयारी कर रही है। 31 अक्टूबर की शाम करीब 7.30 बजे वह कोचिंग से घर लौट रही थी। तभी रेलवे स्टेशन के आउटर पर 4 लड़कों ने उसे घेर लिया। पहले उसके साथ छेड़छाड़ की गई। इसके बाद उसे डरा-धमका कर झाड़ियों में ले गए और गैंगरेप किया।

घटना के बाद वह किसी तरह भागकर हबीबगंज स्टेशन के पास बने सरकारी क्वार्टर स्थित अपने घर पहुंची। कुछ देर डरी-सहमी रोती रही, फिर फैमिली को वारदात की जानकारी दी। उसके पिता रेलवे पुलिस (आरपीएफ) में सब इंस्पेक्टर हैं। घटना को लेकर फैमिली सदमे में है।

पीड़िता का परिवार थानों के चक्कर लगाता रहा
आरोप है कि जब बेटी के साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए फैमिली भोपाल पुलिस के पास पहुंची तो उन्हें दूसरे थाने का मामला बताकर चलता कर दिया गया। बुधवार को फैमिली घंटों तक एमपी नगर और हबीबगंज थाने के चक्कर काटती रही। इसके बाद बताया गया कि मामला जीआरपी थाने का है। फिर जीआरपी ने मेडिकल जांच कराने के बाद केस दर्ज किया। इसमें रेप की बात कन्फर्म हुई है।

एमपी नगर थाने का एसआई भी सस्पेंड
घटना के अगले दिन यानी बुधवार सुबह करीब 11 बजे लड़की अपनी मां और पिता के साथ एमपी नगर थाने पर पहुंची। यहां उनकी मुलाकात एसआई आरएन टेकाम से हुई। टेकाम उन्हें लेकर मौके पर पहुंचे और मामला हबीबगंज थाने का बताते हुए वहां जाने की सलाह दे दी। जबकि वे चाहते तो अपने थाने में शून्य पर मामला दर्ज कर केस डायरी जीआरपी या हबीबगंज पुलिस को भेज सकते थे। डीआईजी संतोष कुमार सिंह के मुताबिक, इस तरीके को लापरवाही मानते हुए टेकाम को सस्पेंड कर दिया गया।

पुलिस ने नहीं पिता ने पकड़ा आरोपी
एमपी नगर से हबीबगंज थाना जाते वक्त विक्टिम और उसके माता-पिता एक कॉम्प्लेक्स के पास कुछ देर के लिए रुक गए। वे घटनास्थल देखने के लिए जा रहे थे। तभी पास की झुग्गी में रहने वाले गोलू पर नजर पड़ गई। स्टूडेंट ने इशारा किया कि ये वही है, जिसने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर दरिंदगी की है। फिर माता-पिता ने मिलकर आरोपी को पकड़ लिया। उसे लेकर हबीबगंज थाने पहुंचे। यहां पूरा वाकया बताया तो पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू कर दी। टीआई रवींद्र यादव के मुताबिक, कुछ देर बाद ही एक टीम उसके दूसरे साथी को पकड़ कर ले लाई। उससे लड़की का मोबाइल फोन और कान के बूंदे भी मिल गए। विक्टिम और उसके माता-पिता को उसे लेकर मौके पर पहुंचे। जीआरपी को वहीं बुलाया।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल कराएंगे: सीएम
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "घटना निंदनीय है। चारों आरोपियों को पकड़ लिया गया है। इस घटना को चिह्नित अपराधों की श्रेणी में रखकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल कराया जाएगा। एक पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि घटना के तुरंत बाद यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया था। मैंने पुलिस को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं। पुलिस अपना काम कर रही है। बड़ा सवाल यह है कि गृहमंत्री को घटना का तुरंत पता चल गया था तो पुलिस ने तभी कार्रवाई क्यों नहीं की। केस दर्ज करने में 24 घंटे क्यों लगे?

रेलवे ट्रैक पर जुआ खेल रहे थे आरोपी
एसपी रेलवे पुलिस, अनीता मालवीय ने बताया कि आरोपी कचरा बीनने का काम करते हैं। गुरुवार को जब पुलिस उनके पास पहुंची तो सभी पटरियों पर जुआ खेल रहे थे और नशे में थे। गैंगरेप के बाद एक आरोपी ने कहा था कि इसे मार दो, वरना सबको बता देगी। इस पर दूसरे ने कहा कि छोड़ दो, किसी को नहीं बता पाएगी, क्योंकि नाम तो जानती नहीं है। चारों आरोपी हबीबगंज स्टेशन के पास बनी झुग्गियों में रहते हैं। एक आरोपी पर गंभीर अपराधिक मामले दर्ज हैं।

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