
इसमें फिक्स वाली क्या बात है
दरअसल, फिक्स वाला संदेह तब शुरू हुआ जब लड़की ने लोकल मीडिया को बताया कि ये दिन उनके लिए सपने जैसा था और ये सपना उनका राहुल गांधी के भरूच दौरे पर साकार हो गया जब उन्हें खुद राहुल ने सेल्फी के लिए बुलाया। इससे पहले तक खबर यह थी कि वो भीड़ को चीरते हुए खुद पहुंची। राहुल को तो पता ही नहीं था।
हां, तो क्या हुआ, संदेह का पर्याप्त कारण क्या है
इस सीन के फिक्स होने का संदेह उस समय मजबूत हुआ जब 10वीं क्लास की 16 वर्षीय छात्रा ने लोकल मीडिया को बताया कि राहुल गांधी को वे हमेशा टीवी पर देखती थीं। उन्होंने कहा कि राहुल के भाषण देने का तरीका अलग और शानदार है जो उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है। मंताशा ने बताया कि उन्हें राहुल का व्यक्तित्व बहुत प्रभावित करता है। मंताशा ने राहुल गांधी को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए शुभकामनाएं दी हैं और उन्होंने कहा कि अगर राहुल अपनी मेहनत जारी रखेंगे तो जरूर जीतेंगे।
ये बयान 10वीं की छात्रा का तो हो ही नहीं सकता। यह पूरा का पूरा बयान ही प्रायोजित है। एक स्क्रिप्ट है जो लड़की को रटा दी गई थी। उसने मीडिया के सामने वही बोल दी। अब भी संदेह गलत लगता हो तो लड़की को लाइव टीवी पर ले आओ और राजनीति या राहुल गांधी के बारे में उसके सामान्य ज्ञान का ओपन टेस्ट लेकर देख लो।
राहुल गांधी की इमेज बनाने के लिए काम कर रहीं ऐजेंसियां इन दिनों राहुल गांधी का पूरी 72 एमएम फिल्म बनाना चाहते हैं। इसमें एक्शन, ड्रामा, कॉमेडी और रोमांस सबकुछ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं। शायद यह सेल्फी सीन इसी रणनीति के तहत तय किया गया होगा।