संविदा कर्मचारी: हरियाणा में भी समान वेतन के आदेश, मप्र में मांग

भोपाल। दिल्ली के बाद हरियाणा सरकार ने 3 नवम्बर 2017 को अपने यहां कार्य करने वाले समस्त संविदा कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 213/2013 दिनांक 26.10.2016 को के आधार पर संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान कार्य एवं समान सभी भत्ते दिये जाने के आदेश कर दिये हैं। हरियाणा सरकार के आदेश में उल्लेख है कि सभी विभाग, बोर्ड, निगम, स्वशासी संस्थाओं में कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को समान कार्य समान वेतन के साथ समस्त भत्ते नियमित कर्मचारियों के समान दिया जाए।

मप्र में संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के द्वारा मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की कापी लगाकर विगत एक वर्ष में अनेकों ज्ञापन देकर मप्र के संविदा कर्मचारियों को भी समान कार्य समान वेतन दिये जाने की मांग की लेकिन मप्र सरकार ने इसे ना तो लागू किया ना ही इस पर अमल करने की कोई कार्यवाही की। 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भी दिया है आमंत्रण
संविदा कर्मचारियों के एक दिन के सम्मेलन और धरने में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चौबे को भी आमंत्रण दिया है। जिससे कि उनके सामने समस्याएं रखीं जा सकें।

क्यों आक्रोशित है संविदा कर्मचारी अधिकारी
गौरतलब है कि प्रदेश के ढाई लाख संविदा कर्मचारियों में इस बात का आक्रोश है कि 200 दिन अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ाने वाले शिक्षकों को शिक्षा विभाग के नियमित अध्यापकों के पदों में 25 प्रतिशत् का आरक्षण और 9 वर्ष की आयु सीमा में छूट दिये जाने और संरपचों द्वारा नियुक्त बिना किसी चयन परीक्षा और पैमाने के नियुक्त गुरूजियों, पंचायत कर्मियों, शिक्षा कर्मियों सीधे नियमित कर दिया गया है  लेकिन शासकीय विभागों में प्रतियोगी परीक्षा देकर तथा आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए नियुक्त हुए संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण सरकार द्वारा नहीं किया गया है जिससे प्रदेश के सभी विभागों और परियोजना के संविदा कर्मचारियों में आक्रोश है जिसके कारण प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारी अधिकारी एक होकर सरकार के खिलाफ लामबंद होकर सड़कों पर सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने जा रहे हैं।

कर्मचारी अधिकारी संविदा कर्मचारियों की प्रमुख मांगें यह हैं -
(1) प्रदेश के विभिन्न विभागों और परियोजनाओं में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को शीध्र नियमित किया जाए। 
(2) प्रदेश के विभिन्न विभागों और उनकी परियोजनाओं से हटाये गये संविदा कर्मचारियों को अवलिबं वापस लिया जाए । डी.डी. सपोर्ट स्टाफ की सेवाए पूर्व की तरह एनएचएम से जारी रखीं जाए। 
(3) समान  कार्य समान वेतन दिया जाए। 

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