नियुक्ति के वक्त एजुकेशन एलिजिबिलटी का कैलकुलेशन गलत: हाईकोर्ट

Allahabad: नेशनल हेल्थ मिशन के तहत कान्ट्रैक्ट पर काम कर रहे ट्रेंड हेल्थ वर्कर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने राज्य सरकार को बैच के हिसाब से सीनियॉरिटी के हिसाब से सीधी भर्ती में नियुक्ति पर विचार करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि यूपी नर्स और मिडवाइफ काउंसिल लखनऊ में रजिस्टर्ड हेल्थ वर्कर को बैच के हिसाब से बन रही सीनियॉरिटी के आधार पर नौकरी पाने का अधिकार है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरएसआर मौर्य ने प्रियंका शुक्ल सहित 94 कैडिडेट्स की याचिकाओं पर अधिवक्ता रवि कुमार शुक्ल को सुनने के बाद याचिकाएं स्वीकार करते हुए दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि एलिजिबिलटी के बेस पर ट्रेनिंग पूरा करने की परमिशन देने के बाद, अगर नियुक्ति के वक्त एजुकेशन एलिजिबिलटी का कैलकुलेशन करना गलत है। यह उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। बता दें कि याचिकाओं में 5628 हेल्थ वर्कर की सीधी भर्ती के विज्ञापन को चुनौती दी गई थी।

संविदा पर काम कर रही हेल्थ वर्कर को नेशनल हेल्थ मिशन के तहत काम कर रही है। एनीमिया, मलेरिया, कुष्ठ रोग, कालाजर समेत कई बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाने के लिए रखा गया है। इन्हें ट्रेंड भी किया गया है।
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