डेंगू: 3 डॉक्टरों के बाद अब पुलिस अधिकारी की मौत | JABALPUR NEWS

जबलपुर। मध्‍यप्रदेश इन दिनों रहस्यमयी बीमारियों का गढ़ बना हुआ है, इंदौर में तीन डाॅक्टरों की डेंगू से मौत के बाद अब एक सुपरकॉप इसका निशाना बन गया है। इसी क्रम में आज जबलपुर अस्‍पताल में एसआई अनुराग पंचेश्‍वर की मौत हो गई है। अनुराग को पहले म‍लेरिया बताया गया इसके बाद जांच होने पर पता चला कि डेंगू है। डॉक्‍टरों के प्रयास के बाद भी उन्‍हें बचाया नहीं जा सका है। अनुराग को एक बहुत ही काबिल पुलिस ऑफिसर माना जाता था। वह विभाग की शारीरिक गतिविधियों में काफी भाग लिया करते थे। उनके पिता का नाम दिलीप पंचेश्‍वर हैं और वह भी पुलिस विभाग में एसआई के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस विभाग में इस खबर के बाद से काफी निराशा है। अनुराग की अभी एक वर्ष पहले ही शादी हुई थी।

डेगू सू बचाव के घरेलू तरीके
डेंगू इंफेक्शन का पता ब्लड टेस्ट के द्वारा लगाया जाता है. इससे बचने के लिए कोई स्पेशल दवाई नहीं है, लेकिन इस दौरान आपको सही से आराम करने और बहुत सारे पेय पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है. डेंगू की चपेट में आने के बाद दिल्ली के लोग इससे बचने के लिए कुछ प्राकृतिक नुस्खे अपना रहे हैं. हम आपको हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टर की सलाह से कुछ ऐसे ही घरेलू और प्राकृतिक नुस्खे बता रहे हैं ताकि आप खुद को डेंगू के प्रकोप से बचा सकें.

गिलोयः नई दिल्ली की डॉक्टर गार्गी शर्मा का कहना है कि गिलोय का आयुर्वेद में बहुत महत्व है. यह मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने और बॉडी को इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है. डॉ. गार्गी सलाह देती हैं कि इनके तनों को उबालकर हर्बल ड्रिंक की तरह सर्व किया जा सकता है. इसमें तुलसी के पत्ते भी डाले जा सकते हैं.

मेथी के पत्तेः यह पत्तियां बुखार कम करने के लिए सहायक हैं. यह पीड़ित का दर्द दूर कर उसे आसानी से नींद में मदद करती हैं. इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीया जा सकता है. इसके अलावा, मेथी पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं.

पीपते के पत्तेः डॉ. गार्गी बताती हैं कि, “ यह प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ाने में हेल्प करता है. साथ ही,  बॉडी में दर्द, कमजोरी महसूस होना, उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक है.” आप इसकी पत्तियों को कूट कर खा सकते हैं या फिर इन्हें ड्रिंक की तरह भी पिया जा सकता है, जो कि बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करते हैं.

गोल्डनसीलः यह नार्थ अमेरिका में पाई जाने वाली एक हर्ब है, जिसे दवाई बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस हर्ब में डेंगू बुखार को बहुत तेजी से खत्म कर शरीर में से डेंगू के वायरस को खत्म करने की क्षमता होती है. यह पपीते की पत्तियों की तरह ही काम करती हैं और उन्हीं की तरह इन्हें भी यूज किया जाता है. इन्हें कूट के सीधे चबाकर या फिर जूस पीकर लाभ उठाया जा सकता है.

हल्दीः यह मेटाबालिज्म बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. यही नहीं, घाव को जल्दी ठीक करने में भी मददगार साबित होती है. हल्दी को दूध में मिलाकर पीया जा सकता है.

तुलसी के पत्ते और काली मिर्चः नई दिल्ली की डॉ. सिमरन सैनी सलाह देती हैं कि तुलसी के पत्तों और दो ग्राम काली मिर्च को पानी में उबालकर पीना सेहत के लिए अच्छा रहता है. यह ड्रिंक आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती है और एंटी-बैक्टीरियल तत्व के रूप में कार्य करती है.

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