कलेक्टर की चौपाल में अनुपस्थित 18 महिला कर्मचारियों की सेवा समाप्त, FIR | TIKAMGARH NEWS

भोपाल। टीकमगढ़ से एक बार फिर बड़ी खबर आ रही है। बताया जा रहा है कि कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल की रात्रिकालीन चौपाल में अनुपस्थित रहने वाली 13 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं 5 सहायिकाओं की सेवाएं समाप्त कर दीं गईं हैं। जब महिला कर्मचारी एवं उनके परिजन इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध दर्ज कराने बाल विकास अधिकारी के पास पहुंचे तो उन्होंने सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी। सामान्यत: ऐसे मामलों में कारण बताओ नोटिस जारी किए जाते हैं। महिला कर्मचारियों का कहना है कि कलेक्टर की रात्रि कालीन चौपाल बल्देवगढ में आयोजित की गई थी। उस क्षेत्र में महिलाओं को शाम के बाद आना जाना असुरक्षित माना जाता है, इसलिए वो उपस्थित नहीं हुईं। जबकि अधिकारी के आदेशानुसार कलेक्टर की चौपाल के लिए लोगों को सूचना दे दी गई थी। 

क्या मामला दर्ज किया गया है
मिली जानकारी के अनुसार बल्देवगढ महिला बाल विकास अधिकारी शशिकिरण यादव ने बल्देवगढ थाना में सूचना दर्ज कराते हुये आरोप लगाया है कि दिनांक 16 एवं 20 नंबम्वर 2017 को क्षेत्र की आंगनबाडी कार्यकर्ताओ एवं सहायिकाओ सहित परिजनों ने बल्देवगढ बाल बिकास कार्यालय में घुसकर अश्लील गालिया दीं और शासकीय वाहन की तोड फोड कर दी और शासकीय कार्य में बाधा डाली एवं जान से मारने की धमकी दी। बल्देवगढ थाना पुलिस ने गत देर रात्रि में आरोपी आगनबाडी कार्यकर्ताओ के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। 

जिनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ उनके नाम 
लीला त्रिपाठी, सीमा सक्सेना, अमृतराजा, भुमानी प्रजापति, आशा जैन, गीता गुप्ता, रचनाअसाटी, लक्ष्मीकोरी, सुनीता अहिरवार, शान्ति सोनी, मुलिया अहिरवार, राजकुमारी सौर, ऊषा शर्मा, सहित देवी सिंह, अजय ठाकुर, कमल कुमार सक्सेना, हशिंकर जाडिया हैं। सभी आरोपियो के खिलाफ धारा 353, 147, 294, 427, 506 आइपीसी का मामला दर्ज किया गया है। 

यह है असली माजरा
बल्देवगढ क्षेत्र से खबर ऐसी आ रही है। कि गत दिनो टीकमगढ कलेक्टर ने बल्देवगढ क्षेत्र में रात्रि चौपाल का आयोजन किया था। जिसमें अधिक से अधिक भीड जुटाने के निर्देश थे। साहब के आदेश के परिपालन में बाल विकास अधिकारी ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को हिदायत दी थी। कि रात्रि चौपाल में मौजूद रहना है। जिसमें कुछ आंगनबाडी कार्यकर्ता कलेक्टर चौपाल में भीड की शोभा बढाती रही कुछ आंगनबाडी कार्यकर्ताओ ने जाना मुनासिब नही समझा। बाल बिकास अधिकारी ने अपने क्षेत्रीय बिचौलिये के जरिये आंगनबाडी कार्यकर्ताओ की सूची जुटाई और अपने मुख्यालय पर न रहने का आरोप लगाकर कलेक्टर के पास पद से पृथक करने की अनुशंसा कर दी। साहब ने हरी झण्डी दे दी और संबंधित अधिकारी ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओ को पद से पृथक कर दिया। 

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