
पांच हजार फाइलों की जांच के लिए मंडलोई यदि रोजाना दो से तीन घंटे का समय भी देते हैं तो जांच पूरी होने में छह महीने से अधिक का समय लग सकता है। जब तक जांच पूरी होगी तब तक तत्कालीन वर्कशाप प्रभारी आरके परमार रिटायर हो जाएंगे। उनका अगले महीने रिटायरमेंट हैं। परमार मूल रूप से पीएचई विभाग के कर्मचारी हैं और पीएचई ने अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई से इनकार कर दिया था।
निगमायुक्त प्रियंका दास ने सितंबर के दूसरे सप्ताह में पदभार ग्रहण करने के एक सप्ताह बाद अंतिम जांच रिपोर्ट के लिए एक महीने का समय तय किया था। इसके बाद जांच अधिकारी अपर आयुक्त प्रदीप जैन ने तकनीकी विशेषज्ञ की सेवाएं लेने का अनुरोध किया था।
प्रशासन से कहा-स्पष्ट करें जांच के बिंदु
मंडलोई के मुताबिक उन्होंने निगम प्रशासन को जांच के बिंदु स्पष्ट करने को कहा है। सोमवार को जांच शुरू करने के बाद ही वे ठीक-ठीक बता पाएंगे कि पुराने रिपेयर्स की तकनीकी जांच संभव है या नहीं।
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बेहतर जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञ की सेवाएं ली गईं हैं। परमार मूल रूप से पीएचई विभाग के कर्मचारी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय पीएचई को ही लेना है।
प्रदीप जैन, अपर आयुक्त, नगर निगम