
उन्होंने कहा कि हम ऐसे परिवारों की लिस्ट बना रहे हैं, जिनके पास राशन कार्ड तो है, लेकिन आधार नहीं है। इनकी सूची प्रदेश के सभी जिलों से बनवा रहे है। सूची तैयार हो जाने पर इन परिवारों को मैन्युअली राशन भेजा जा सकेगा।
गौरतलब है कि पीडीएस सिस्टम के तहत राशन कार्ड का आधार से लिंक नहीं होने के चलते परिवार को राशन नहीं मिल पाया था, जिससे परिवार को खाना नहीं मिला और बच्ची ने भूख से दम तोड़ दिया था। मध्य प्रदेश में राशन कार्ड आधार से लिंक करने के बाद से राशन की दुकानों में पीओएस मशीनों से राशन देने का सिस्टम लागू किया गया है। जिन परिवारों में आधार कार्ड नहीं बना है। उन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है।
सिमडेगा, झारखंड में बच्ची की भूख से मौत चर्चा का विषय बनी थी, साथ ही आधार कार्ड पर भी सवाल उठ रहे थे। उस बच्ची की मां का कहना था कि बच्ची ने 4-5 दिनों से खाना नहीं खाया था। हमारा राशन कार्ड आधार नहीं होने से छह महीने पहले राशन कार्ड रद्द कर दिया गया था। इससे उन्हें फरवरी से राशन नहीं मिल सका था और गरीबी की वजह से परिवार बाहर से राशन नहीं खरीद पाया था।